Pratibha Patil : 13th President of India.

As on 4 August, 2007.

प्रतिभा पाटिल


अबले भारत में कुल तेरह हालि राष्ट्रपति के चुनाव हो चुकल बा. डा॰ राजेन्द्र प्रसाद पहिलका आ अकेला अईसन राष्ट्रपति रहुवन जे दू हालि चुनल गईले. उनुका अलावा केहू दूबारा चुनाव ना लड़ल. एहसे ईहो कहल जा सकेला कि प्रतिभा पाटील देश के बारहवाँ राष्ट्रपति हवी.

प्रतिभा पाटिल के जन्म नन्दगाँव महाराष्ट्र में नारायण राव का बेटी के रुप में भईल. स्कूल आ कालेज के पढ़ाई महाराष्ट्र का जलगाँव में भईल. बाद में गवर्नमेण्ट लॉ कॉलेज मुम्बई से ऊ वकालत के पढ़ाई कईली. अपना छात्र जीवन में ऊ मूलजी जैथा कॉलेज, जलगाँव में १९६२ में कॉलेज क्वीन चुनाईल रहली. ओही साल ऊ अदिलाबाद से कांग्रेस का टिकट पर विधायको चुनईली.

प्रतिभा पाटिल के परिवार मूल रुप से गुजराती सोलंकी रहुवे आ बाद में महाराष्ट्र में आके बसि गईल लोग. महाराष्ट्र में ऊ लोग पाटिल उपनाम रख लिहुवे.

प्रतिभा पाटिल के बिआह ७ जुलाई १९६५ के दिन राजस्थान के शेखावत राजपूत देवीसिंह रणसिंह शेखावत से भईल. देवीसिंह जी शिक्षाविद हईं आ विद्या भारति शिक्षण प्रसारक मण्डल चलाईलें.

प्रतिभा जी एगो सुगर फैक्टरी सहकारिता क्षेत्र में शुरु कइले रहुवी जवना के नाम संत मुक्ताबाई सहकारी सक्कर कारखाना रहुवे. ऊ एगो सहकारिता बैंको के के मुख्य रहुवी जवन उनुके नाम पर प्रतिभा महिला सहकारी बैंक के नाम से स्थापित भईल रहुवे.

उनुका के राजनीति में ले आवे के श्रेय यशवन्त राव चह्वाण के दिहल जाला. प्रतिभा पाटिल १९६७ के वसन्तराव नाईक मंत्रिमण्डल में महाराष्ट्र के शिक्षा राज्य मंत्री से मंत्रीपद के शुरुआत कईली. बाद में टूरिज्म, समाज कल्याण, आवास मंत्रालय भी एक एक करके अलगा अलगा मंत्रिमण्डलन में सम्हरली. १९६२ से लेके १९८५ ले ऊ लगातार जलगाँव भा अदिला बाद से विधायक चुनात रहली. १९८५ में ऊ पहिलका हालि कांग्रेस का टिकट पर राज्यसभा खतिर चुनल गईली.

आपातकाल का बाद जब इन्दिरा गाँधी के साथ ढेर लोग छोड़ दिहल तबहियों प्रतिभा पाटिल इन्दिरागाँधी के विश्वस्त बनल रह गईली. इन्दिरा गाँधी के गिरफ्तारी का विरोध में ऊ दिसम्बर १९७७ में दस दिन जेलों में रहली. इन्दिरा भक्ति के उनुकर ई कार्यकाल बाद में राजीव गाँधी आ सोनिया गाँधी के हमेशा याद रहल आ जब जब मौका मिलल प्रतिभा जी के महत्वपूर्ण स्थान दिहल लोग. राजीव गाँधी के हत्या का बाद वाला चुनाव में ऊ अमरावती से लोकसभा सदस्य चुनईली.

नवम्बर २००४ में जब देश में संप्रग के सरकार बनल तब उनुका के राजस्थान के राज्यपाल बनावल गईल. एही पद पर रहते राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनली आ त्यागपत्र देके चुनाव लड़ली.

तेरहवाँ राष्ट्रपति चुनाव सबले खराब चुनाव अभियान खातिर बरिसन याद कईल जाई. प्रतिभा पाटिल का सुगर फैक्टरी आ सहकारी बैंक के कई गो घपलन का चलते उनुकर नाम के विवाद में घसीटल गईल. बाकिर संप्रग के बहुमत आ वामपंथ के सहयोग से ऊ देश के राष्ट्रपति चुना गईली.