पूर्व राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण

As on 28 Jan. 2009.

मंगल २७ जनवरी २००९ के पूर्व राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण के निधन नयी दिल्ली का सैनिक अस्पताल में मूत्र संक्रमण का चलते हो गइल. ओहिजा उ पिछला पखवारा में भरती करावल गइल रहलें. वेंकटरमण के कई गो जीवनप्रणाली खराब हो गइल रहली स. एह शोक में देश में सात दिन के शोक घोषित कइल गइल बा. कैबिनेट का आपात बईठक में उनुका के राजकीय दाह संस्कार करे के फैसला कइल गइल. बीटिंग रिट्रीट आ प्रधानमंत्री के एनसीसी रैली रद्द कर दिहल गइल बा.

वेंकटरमण के उमिर ९८ साल के हो गइल रहुवे. रामास्वामी वेंकटरमण के जनम तँजावुर के पट्टूकोट्टाइ में ४ दिसम्बर १९१० के भइल रहुवे. बाद में चेन्नइ में पढ़ाई कइलन आ वकालत करे का दौरान आजादी का लड़ाई में कूद पड़लन. भारत छोड़ो आन्दोलन में उनुका दू साल के जेल के सजा मिलल. जेल से छूटला का बाद वेंकटरमण वकालत का संगे संगे मजदूर यूनियन खातिर काम करे लगलन आ एही क्रममें राजनीति में आ गइलन.

वेंकटरमण संविधान सभा के एगो महत्वपूर्ण सदस्य रहलन. आजाद भारत के प्राविजिनल संसद आ बाद में पहिलका संसद खातिर ऊ १९५० में चुनल गइलन. १९५७ से १९६७ ले ऊ मद्रास के मंत्री रहलन. बाद में १९७७ के आमचुनाव साउथ मद्रास लोकसभा सीट खातिर जीत के ऊ जब दिल्ली अइलन त फेर पाछा मुड़ के ना देखलन. इन्दिरा गाँधी के सरकार में ऊ वित्त मंत्री, आ फेर रक्षा मंत्री बनलन.

बाद में रामास्वामी वेंकटरमण भारत के उपराष्ट्रपति आ फेर राष्ट्रपति चुनइलन. उनुका समय में चार गो प्रधानमंत्री अइलन. राजीव गाँधी का समय में उनुका के राष्ट्रपति चुनल गइल रहे. बाद में विश्वनाथ प्रताप सिहं, चन्द्रशेखर, आ नरसिंहा राव एक का बाद एक प्रधानमंत्री बनलन.

खण्डित जनादेश के जतना उ झेललन ओतना कमे लोग के झेले पड़ल. एक हालि ऊ खण्डित जनादेश का स्थिति में राष्ट्रीय सरकार बनावे के सलाह दिहले रहलन. उनकर विचार रहे कि छोट छोट दल का हाथ में देश के राजनीति गिरवी ना राखे के चाहीं. भरसक हो सके त दू दलीय व्यवस्था बनावे के चाहीं.

बाजपेयी सरकार गिरला का बाद जब सोनिया गांधी बहुमत के समर्थन के दावा लेके तब के राष्ट्रपति के आर नारायणन का लगे गइल रहली त नारायणन उनुका से अपना समर्थक सांसद के चिट्ठी ले आवे के कह दिहलन. तीन दिन ले सोनिया गाँधी इ ना कर पवली. तब वेंकटरमण एह बात के आलोचना कइले रहलन कि नारायणन सोनिया गाँधी के सरकार बनावे के ना नेवतलन.

वेंकटरमण एक हालि पद के गरिमा तज के राजीवगाँधी के स्वागत खातिर हवाई अड्डा चहुँप गइल रहलें. ई घटना तब भइल रहे जब राजीव गांधी पर श्रीलंका में सलामी लेत घरी एगो सैनिक अपना रायफल के बट से प्रहार कर दिहले रहे.

खैर, रामास्वामी वेंकटरमण एगो अनुभवी आ योग्य राजनेता रहलन एहमे कवनो दू राय ना हो सके. दोसरे घटाटोप अन्हार में उजाला के किरण तलाशे खातिर उनुकर प्रशंसा करे के चाहीं. उनुके राय रहुवे कि राष्ट्रपति इमरजेन्सी लैम्प होला. लाइन कटते जर जाव आ आवते बुझ जाव, अइसने होखे के चाहीं राष्ट्रपति के.

आजु बुध २८ जनवरी के साँझ दिल्ली का एकता स्थल का लगे उनकर दाहसंस्कार कइल जाई.