कहाँ राजा भोज कहाँ गंगुआ तेली

30th Aug 2007

पिछला हप्ता हमरा से एगो गलती हो गईल. भोजपुरी के बड़का दुआर पर आवे जावे वाला लोगन में से कुछ लोग से हम निहोरा करि बईठनी कि कबो हमरो दुआरे आ के देखीं.

ओहमें से कुछ लोग बड़का दुआरे शिकायत करि दिहलन कि गंगुआ हमनी के नेवता भेजले बा. ऊ तऽ हमनी के जाने ना. रऊरा दुआरे आवत जात देखेला तऽ हमनी के नेवता देबे के हिम्मत करि लिहलसि. ओकर अतना मजाल !

तुरते हमरा किहाँ नोटिस आ गउवे कि रे गंगुआ अईसनका मति करि. जाने ले कि ना ई गैर कानूनी हवे. हम तुरते माफी माँग लिहनी. ना सरकार, हमरा से गलती भऽ गईल. अब माफी दे दींही.

हम का जननी कि छोट मोट बाति के अतना बड़हन बवाल हो जाई. हम तऽ सगरो गाँव का नाराजगी लेइओ के जे पूछत रहुवे ओकरा के बड़का दुआर के पता दे देत रहुवीं. ई जानत बूझत कि ऊहाँ का हमार पता केहू के ना बतावेनीं. बोलीलें कि हमरा का मालूम गंगुआ नाम के कवनो आदमी बा कि ना. लोग हमरा के समुझावत रहुवे कि बबुआ फँसब कहियो तब बूझाई. ओकरा से सटलऽ तऽ कहियो ना कहियो झटका खइबे करबऽ. बसवा का पाछे नईखऽ पढ़ले लटकले तऽ गइले बेटा !

अब तऽ गलती हो गईल. माफी माँग चुकनी. तबो कहात बा कि गनीमत कहऽ कि लोग हमरा से शिकायत कईल. कहीं थाना कचहरी चलि जाईत लोग तऽ तोरा बेभाव के पड़ि जाईत. हँ सरकार. मान लिहनीं. एहीसे तऽ पलक झलकते माफी माँग लिहनी. तबो रउरा चाहीं तऽ फाँसी चढ़ा दीहीं. राउर मर्जी.

हम का जानत रहनी कि लोग का भोजपुरी से मोह नईखे, बड़का दुआर से मोह बा. छोटका के दुअरा अईला से ओह लोग के इज्जत घटि जाई.

हँ देश दुनिया समाज में रहला से अतना तऽ हमरो मालूम बा कि नेवता हकारी बरोबरिये में चलेला. अब हमहूँ कान पकड़ि लिहनी. ना बाबा ना बड़का दुआर काउर झँकबो ना करेब.

का कहतानी, हम गलत कहतानी ?