बाजऽ ए बाजा बाजऽ

Bhojpuri presence on Internet

बाजऽ ए बाजा बाजऽ, अनका के घर बाजऽ
एक बेरि बजलऽ हमरा घर, हम जोतीं अनका के हर.

ई लाईन बेटी का शादी का चलते करजा में डूबल एगो किसान तब कहले रहुवे जब खेत में हर जोतत ओकरा एगो बारात के बाजा सुनाइल रहे.

भोजपुरी के वेबसाइटन पर शोध करे के शशिभूषण राय जी के योजना सुनि के हमरा उहे लइनवा याद आ गइल. अबहीं हालही में हम एह गलती से निकलल बानीं फेर एहमें अझूराए नइखी चाहत. बाकिर जब बात निकलल बा त बतिया कहइबे करी.

सितम्बर २००६ में हम एगो लेख लिखले रहीं. रउरा ओह लेख के पढ़ सकीलें.

शशिभूषण राय जी वेब पर भोजपुरी के पुरनिया हईं, दोसर हईं विनय पाण्डेय जी, ई दुनू आदमी के हम हमेशा इज्जत करेनी आ करत रहेम. ईंहा लोग से हमरा कबो कवनो बाति पर विरोधो नइखे भइल. साँच कहीं त एक आदमी छोड़ के दोसर कवनो वेबवाला से हमरा मनमुटाव नइखे भइल. जेकरा से भइल बा ओकरो से हमरा अनजाने में भइल बा. नीयत के खोट आ नियति के दोष अलग अलग चीज होला!

खैर जवन भइल तवन भइल. बीत गइल से बात गइल. चलल जाव अपना राह पर.

आपन बाति

25th Oct 2007

एने कइ दिन से हम अँजोरिया के व्यवस्थित करे में लागल बानीं. पांच साल से अँजोरिया के बहुते तरह के वेश पहिरावल गइल. हालत इ हो गइल बा कि एक रुपता नइखे रहि गइल. पांच सात गो स्टाइलशीट बन गइल बा. कोशिश बा कि समूचा साइट के एकही स्टाइलशीट का नियन्त्रण में ले आईं. एहमे टाइम आ मेहनत दूनो बहुते लागत बा.

एही बीच अँजोरिया के लिखनिहार के सूचीबद्ध करे के कामो कर डलनी. एकाध केहू कहीं छूटल फटकल होई तऽ हम माफी चाहत बानीं. जहाँ भी गलती होखे बताईं. अँजोरिया के दूतरफा संवाद बनावे लायक बनाईं. रउरा लोगन का सक्रिय सहयोग बिना अँजोरिया के अँजोर ना कइल जा सके.

लिखनिहारन के सूची दिहला से एगो फायदा हो गइल कि कुछ पन्ना कोना आँतर में दबा गइल रहली हा स से सामने आ गइल बा. एकाध गो भुलाइलो रचना मिल गइल जेकरा के फेर से सामने ले आयेब. तबले रउरा सभे धीरज धरीं.

अँजोरिया के अइसन माध्यम बनावे के कोशिश कर रहल बानीं कि भोजपुरिहा लोगन के हर रूचि के व्यंजन परोसल जा सके. तबहियों अपना सीमा के ज्ञान हमरा बा. मुम्बई के फिल्मी दुनिया आजुकाल्ह भोजपुरी सिनेमा से गहगह बा बाकिर हमरा लगे अइसनका केहू नइखे जे भोजवुड के खबर आ फोटो वगैरह पठा सको. भोजपुरी रंगमंचो पर बहुते काम हो रहल बा. ओकरो कवनो खोज खबर हम नइखिं दे पावत. रउरा सभ में केहू एह सब कमी के पूरा करि सको त हमरा बहुते खुशी होखी.

इन्टरनेट के प्रकृति विचित्र हऽ. एहिजा अधिका लोग ह्वैम बैम थैंक यू मैम का फेर में पड़ल रहेला. कुछेक लोग गुननिहार बा जे आवेला आ कूड़ा करकट में लुकाइल हीरा के तलाश में कबाड़ के खोरि खोरि के खोजत रहेला. ओहू लोगन खातिर अँजोरिया पर सामग्री जुटावल जा रहल बा जेहसे भोजपुरी भाषा पर शोध करे वालन के भी कुछ काम लायक सामग्री मिल जाव.

अँजोरिया के खोरत रहेम त कुछ काम लायक सामग्री रउरो भेंटा जाई. नइखे भेंटात त शिकायत करीं. कोशिश करेम कि जहाँ तक हो सके राउर निहोरा पूरा कइल जा सके. हम नियमित रुप से लेखन करे वाला लोगके भी नेवता देत बानी कि आईं सभे आ अँजोरिया पर आपन सामग्री प्रकाशित कराईं. अगर देवनागरी लिपि में यूटीएफ फान्ट में टाइप कइल सामग्री मिल जाव त बहुते आसानी होखी. ना त रोमन में लिखल सामग्री के देवनागरी में बदले में कई हालि गलती हो जाला आ कुछ के कुछ हो जाला. रउरा लिखम घोर आ हम गलती से लिप्यान्तर कर देम घोड़. त आ ट, र आ ड़ के रोमन में अलगा अलगा लिखल मुश्किल काम हऽ. ढ़ लिखल त आउरियो. कइ हालि हम रउरा लोग से एगो बहस खातिर निहोरा कइनी कि रोमन लिपि में भोजपुरी ध्वनियन के मानकीकरण करे का दिसाईँ कवनो प्रयास कइल जरुरी बा. हो सकेला कि रोमन भोजपुरी तब आउरियो फइल पसरि जाव.

राउर,

अँजोरिया सम्पादक