बेमतलब के बात

18 Feb 08

कुछ लोग कही कि इ सब बेमतलब के बाति बा तबहियों हम ई बतावल चाहत बानीं कि भोजपुरी के नव गो सबले अधिका लोकप्रिय वेबसाइटन में से तीन गो अँजोरिया परिवार से बा!

विनय पाण्डे जी आ शशिभूषण राय जी के शुरुआत कइल काम के अँजोरिया मजगर तरीका से बढ़वलसि आ इण्टरनेट पर भोजपुरी के मजबूत मौजूदगी दर्ज करवलसि.

कुछ व्यक्तिगत कारण से हम सभा सम्मेलन में ना जा पाइलां, काहे कि हमार जिनिगी रिक्शावाला जिनिगी हऽ, रोज कमाए के बा रोज खाए के बा. दूइयो चार दिन के छुट्टी लिहल हमरा खातिर असम्भव जइसन हो जाला. परिणाम इ होला कि भोजपुरी के सभा सम्मेलन करे वाला लोगन खातिर हमार अस्तित्वे नइखे. हमरा ओकर कमी ना बूझाला, कमी एह बाति के बुझाला कि सभा सम्मेलन के खबर हमेशा हमरा तीसरा पक्ष से मालूम होला आ कई हालि खबर बीत गइला का बाद!

अँजोरिया के शुरुवे से परम्परा रहल कि हर नवागन्तुक भोजपुरिहा के स्वागत कइल. जब जवना साइट का बारे में पता लागल ओकर खबर, ओकर लिंक हम अँजोरिया पर जरुर दिहनी. तबो हमरा का मिलल? लोग राजा भोज बनि गइल आ हम गंगूआ तेली!

अगर रउरा लोगन में से केहू के सम्पर्क भोजपुरी के कवनो संस्था से होखे त रउरा से निहोरा बा कि अपना संस्था के खबर, गतिविधि का बारे में अंजोरिया के जरुर सूचित करीं. ओकरा के प्रकाशित प्रचारित करिके हमरा बहुते खुशी होखी, आ रउरा कवनो नुकसान ना होखी!

भोजपुरी के लेखक, कवि, प्रकाशक लोग से भी निहोरा बा कि आपन रचना का बारे में, प्रकाशन का बारे में अँजोरिया के सूचित करीं ताकि हम ओकरा के स्थायी जगहा दे सकीं. अँजोरिया हमार प्यार हऽ धंधा ना हऽ. रउरा इहो कह सकेली कि मिले त मारीं ना त बाल ब्रह्मचारी! जइसे कि सरकारी कर्मचारियन का बारे में कहाला कि उहे इमानदार बा जेकरा मउका ना मिलल भा जेकरा हिम्मत ना भइल! भोजपुरी धंधा लायक भाषा हो जाव त एहले बढ़के दोसर कवनो खुशखबरी ना होखी. काहे कि दुनिया पइसा के भाषा बुझेला,प्यार के ना! बाकिर अँजोरिया चाही कि दुनिया में कहीं कतहूँ केहू भोजपुरी खातिर कुछ करो त हम दुनिया के ओकरा बारे में बता सकीं. भोजपुरी के कतना विश्व संगठन बाड़ी स हमरा पता नइखे, बाकिर हर चार छह महना पर कहीं ना कहीं कवनो विश्व सम्मेलन जरूरे आयोजित होखेला. हम हर सम्मेलन का बारे में जाने चाहत बानीं, बतावत चाहत बानीं.

सम्पादक,
अँजोरिया