तस्वीर जिन्दगी के
(भोजपुरी गजल संग्रह)
मनोज 'भावुक'
अनुक्रम
- बचपन के हमरा याद के दरपन कहाँ गइल
- देखलीं जे बइठि के दरिया किनारे
- ना रहित झाँझर मड़इया फूस के
- भंवर में डूबियो के आदमी उबर जाला
- दरिया के बीच बइठ के कागज के नाव में
- अबकी दियरी के परब अइसे मनावल जाये
- कबहूँ लिखा सकल ना तहरीर जिन्दगी के
- मुहब्बत खेल हऽ अइसन कि हारो जीत लागेला
- रेशम के कीड़ा के तरे खुदहीं बनावत जाल बा
- फूल हम आस के आँखिन में उगावत बानी
- हिया के पीर छलक के गजल में आइल बा
- जे राग मन में बाटे, सुर पर सधत नइखे
- जिन्दगी सवाल हऽ, जिन्दगी जवाब हऽ
- जिनगी के जख्म, पीर, जमाना के घात बा
- गजल जिन्दगी के गवाए त देतीं
- बात खुल के कहीँ, भइल बा का
- जाईं तऽ जाईं हम कहाँ आगे
- मन के चउकठ पर धइल बाटे दिया उम्मीद के
- होखे अगर जो हिम्मत कुछुओ पहाड़ नइखे
- आखिर जुबाँ के बात कलम में समा गइल
- बात पर बात जब मन परल होई
- आदमी जे सहज सरल बाटे
- हमरा सँगे अजीब करामात हो गइल
- हमरा चुप्पी के मतलब लगावल गइल
- काँट के साथ बा गुलाब, ए दोस्त
- अमन वतन के बनल रहे सब
- बहुत नाच जिनिगी नचावत रहल
- या त परबत बने या त जन्नत बने
- का करित जो इहो करित ना तऽ
- आँख से कुछ कसर हो गइल
- काँट ही काँट बा जो डगर में
- निश्छल, निर्मल, कल-कल, छल-छल
- घाव पाकी त फुटबे करी
- एह कदर आज बेरोजगारी भइल
- हिया हमार तार-तार हो गइल
- वक्त जीवन में अइसन ना आवो कभी
- दिल में प्यारे के बीआ बोआ जब गइल
- तोहरे बा आसरा अब, तोहरे बा अब सहारा
- शेर जाल में फँस जाला तऽ सियरो आँख देखावेला
- हमरा विश्वास बाटे कि हम एक दिन
- का बा तहर-हमरा में
- अनजान शहर बाटे, अनजान सफर बाटे
- दुख-दरद या हँसी या खुशी, जे भी दुनिया से हमरा मिलल
- परेशान रहला से का फायदा बा
- गजबे मुकद्दर हो गइल
- कटा के सर जे आपन देश के इज्जत बचवले बा
- हजारो गम में रहेले माई
- जुल्म के सामने चुप रहल
- जिन्दगी के ताल में सगरो फेंकाइल जाल बा
- राह बाटे कठिन, मगर बाटे
- जुल्म के तूफान के रउरे कहीं, कबले सहीं
- बात तोहरा से बताईं तऽ बताईं कइसे
- हिया में धइल गइल जब तनी-तनी सा बात के
- अब त हर वक्त संग तहरे बा
- लाख रोकीं निगाह चल जाता
- हियरा में फूल बन के खिले कौनो-कौनो बात
- हर कदम जिये-मरे के बा ईहाँ
- हादसा कुछ एह तरह के हो गइल
- सबका हिया में धड़कन, जिनिगी के दुआ तूहीं
- सबसे बड़का शाप गरीबी