अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

फगुआ बयार बहते जियरा पिराला

फगुआ बयार बहते जियरा पिराला,
संईया अइहें सोच सोच लाल होइ जाला.

कइसे कटल सगरो बरिस केकरा सुनाईं,
गीत आपन बिरह रस के मनही गुनगुनाई,
सेजवा बल खात देख नगिनीयों शरमाला,
फगुआ बयार बहते...

सरसो पियराई नीयर संईयाजी के बोलिया,
जनमवा निहाल कइलस संईया जी के होलिया,
संईया बिना सासु बोलिया जरको ना सुहाला,
फगुआ बयार बहते...

आइल बा संदेशा अइहें होली बेरी घरवा,
मनवा उमंग फूटल लाली पीयर हरवा,
सारा जगवा देखि देखि मनही मुसकराला,
फगुआ बयार बहते...

फगुआ बयार बहते जियरा पिराला,
संईया अइहें सोच सोच लाल होइ जाला.