जूता का बूता पर

आलोक पुराणिक

जूता सिरिफ चलाइबे ना करे, चलबो करेला. इराक में बुश पर चल गइल, फेर हालही इंगलैण्ड में चीन के प्रधानमंत्री पर चल गइल.

अब तक ले जूता आम तौर पर चौक चौराहा पर आशिकन पर चलत रहल हा, आ कवि, शायर पर त लगातारे चलते रहेला. जूता आशिकन, कवियन से नेतवन तक चहुँप गइल. सवाल इ बा कि ई जूता के उत्थान हऽ कि पतन ?

जूता दरअसल एगो जीवन दर्शन हऽ. चल चलऽ. सब तरफ चल चलऽ. जूता दसअसल चरित्र में समाजवादी हो गइल बा. हर जगह लउक जाइल करे ला. एनियो, ओनियो. कम्युनिष्ट विरोधी अमेरिका के बुशो का खिलाफ आ कम्यूनिष्ट चीन के पीएमो का खिलाफ. एने केरला का एगो बड़हन माकपा नेता विजयनो पर चल गइल.

आशिक, कि, बुश, चीन के पीएम, केरल के माकपा नेता, एह सब पर चल के जूता कुल मिला के स्टेटस निरपेक्ष हो गइल बा. भा एकरा के अइसे कहीं कि अब जूतो के आपन स्टेटस हो लिहल बा.

खबर ई आइल बा कि सत्यम का राजू का लगे ३२२ जोड़ी जूता बा.

सत्यम से पीटाइल एगो निवेशक के कहनाम रहे कि सरकार कुछ मत करो, बस अतने कर देव कि राजू के सारा जूता एक एक हालि राजू के लगावे दे दिहल जाव. केहू बीच में ना रहो. राजू होखस, सत्यम के निवेशक होखस आ ३२२ जोड़ी जूता होखो. जूता न्याय कर लिहल जाई.

जूता दर्शन के एगो खास बयान इंगलैण्ड का तरफ से आइल बा. ब्रिटेन कहले बा कि ब्रिटैन में चीन के पीएम पर जूता चलवला का हरकत से ब्रिटेन आ चीन का संबंधन में कवनो हेर फेर ना होखी.

एकरा के कहल जाला स्पिरिट. सच्चा आशिक के अइसने स्पिरिट होखेला. पिटात आशिको माशूका से इहे कहे ला कि चला ले, चाहे जतना जूता चला ले, तोरा मोरा रिश्तन में हमरा तरफ से कवनो फरक ना आई.

एह तरह से देखीं त जूता आशिकन के नेतवन के कई तरह से जोड़े ला. बाकिर जूतागिरी अब अतना बेसी हो लिहल बा कि जूतागिरी पर विद्वानन के नया सिरा से सोच विचार करे के चाहीं. जइसे कि कवना तरह का जूता से नेता के पिटाई कइल जाव त नेता के खुद के सम्मानिते समुझे के चाहीं. जइसे कि पांच साल बाद वोट मांगे चहुँपल नेता पर अगर नार्मल जूता चलो त ओकरा माने के चाहीं कि जनता ओकरा के एवरेजे निकम्मा मानत बिया. हँ अगर भींजा भींजा के, नारीमोरी के पानी वाला जूता पड़ो त समुझे के चाहीं कि पब्लिक ओकरा के नार्मल निकम्मा ना, करप्ट मान रहल बिया. नेता अगर सिरिफ निकम्मे होखो त दरअसल ऊ सम्माने के पात्र होखेला.

अच्छा, अब चलीं. एगो कवि सम्मेलन में व्यंग्य पाठ करे खातिर बोलावल गइल बानी. उमेद बा कि दू चार जोड़ी जूता ओहिजा से बटोरिये ले आयम. एके झटका में आजु हम चीन का पीएम आ अमेरिका के बुश के स्टेटस पर आवे वाला बानी.


आलोक पुराणिक जी हिन्दी के विख्यात लेखक व्यंगकार हईं. दिल्ली विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में प्राध्यापक हईं. ऊहाँ के रचना बहुते अखबारन में नियम से छपेला. अँजोरिया आभारी बिया कि आलोक जी अपना रचनन के भोजपुरी अनुवाद प्रकाशित करे के अनुमति अँजोरिया के दे दिहनी. बाकिर एह रचनन के हर तरह के अधिकार ऊहें लगे बा.

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