Noor Alam Badshah
Doha, Qatar
आज भइनी हम पराई
आज भइनी हम पराई, करs अब हमरा के बिदाई.
सदा खुश रहे खातिर, दs हमके आज दुहाई.
आज भइनी हम पराई, करs अब हमरा के बिदाई.
डोली जब हमर उठ जाई, केहु रोक ना पाई.
लोर नैना से बह जाई, देखते सुनत होखी बिदाई.
रोवला से रीत ना ओराई, मन के पंछी उड़ जाई.
डोली धीरे-धीरे जाई, याद तोहर खुब आई.
मन करी लौट आईं, लेकिन मुश्किल हो जाई.
तनका दिन खातिर हमके लिहs बोलाई.
आज भइनी हम पराई, करs अब हमरा के बिदाई.
दिल रोवऽता, मन तरसऽता, अंखिया से लोर गिरऽता.
घर आँगन भइल बेगाना, नइहर छुटल मिलल नयाँ जमाना
बचपन से खईनी तोहर कमइया, आज करावऽता सब समइया.
बाबुल घर पोसाइल देहिया, पराया घर हो ता बिदईया.
सुनलऽ तनी हमर कहनवा, उहाँ लागी जल्दी मनवा.
दिनवा धरावे खातिर लेके जल्दी अईह चौठी मिठाई.
आज भइनी हम पराई, करs अब हमरा के बिदाई.
मत रोवs बाबु जी, मत रोवऽ माई,
दुनिया के ई रीत केहु से ना मेटाई.
पोसपाल के जवान करबऽ, हाथ से एकदिन छुट जाई
केहु कुछ कर ना पाई, लेके डोली सजनवा बढ़ जाई.
रोवत रोवत कंठ सुख जाई, गाँव नगर सपना हो जाई.
सब जल्दी हमके भूल जाई, ससुरे में माई बाप.
ससुरे में भाई भौजाई,
आज भइनी हम पराई, करs अब हमरा के बिदाई.
सदा खुश रहे खातिर दs हमके आज दुहाई
आज भइनी हम पराई, करs अब हमरा के बिदाई.
नूर आलम बादशाह,
मुकाम : कोतवाली ९, जमनिया बारा, नेपाल
हाल दोहा कतार से
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