भोजपुरी गायक

पंकज प्रवीण

बचपन में गाय चरावत जाने कब, हम गायक बन गइनी,
भोजपुरिया जैक्सन बन जाइब, एह सपना में हम खो गइनी.

सपना पूरा होत ना देखनी त तुरनी मनवा के किल्ली
माई बाबू से कर झगडा, हम भाग के आ गइनी दिल्ली.

अब जागत आँख से लगनी देखे सपना हम स्टार बने के ,
मनवो हिलोर लगल मारे बड़का ओडियेन्स के प्यार से.

बड बड प्रोड्यूसर, डाइरेक्टर से मिल, स्टार त हम बनिये गइनी.
लागल की हमरा आगे के बा, लागल आसमान में छा गइनी.

टूटल भरम जब लोगन के नजरिया बदलल हमरा बारे में,
घर से लेके भागल पइसा, ख़तम भइल एह चक्कर में.

अब धरम संकट में पड़ गइनी, केइसे मुँह दिखलाइब अब,
भागल हम घरवा से बानी, कहवाँ मुँह के छिपायब हम.

रात दिन अब सोच सोच के, मनवा हमरो पागल बा,
माई बाबूजी रोवेले ओने कि बबुआ घर से भागल बा.

फेर समझ में आइल हमरा की काहे के हउवा एक्टर,
फ्रेंच कट दाढ़ी कटवा के बन जा प्रोड्यूसर डायरेक्टर.

टिप टॉप में होके तनकी सीखऽ स्टाइलिश चाल चले के,
तहरो आगे लाग जाई लाइन, सिंगर बने वाला लोगन के.

धीरे धीरे ऐ बाबु तहरो दुकान चलिये जाई,
जइसे लागल तोहर नंबर, दोसरो के असहीं लगिये जाई.


पंकज प्रवीण भोजपुरी के उभरत गायक हउवन जिनकर एगो म्यूजिक अलबम रिलीज हो चुकल बा आ दोसरका के रिकार्डिंग होखे वाला बा. नया पीढ़ी का गायकन में पंकज के जगहा अलगा से बा काहे कि ऊ दुअर्थी गीतन से परहेज करेलन आ भोजपुरी में अश्लील गीतन के पुरजोर विरोध करेलन.