भोला बाबू

मालिक अगिलका हमला कहवाँ होखी ?

भभीखना ओह दिन भोलाबाबू के गोड़धरिया कइले रहुवे. ओकर बस एके सवाल रहुवे, मालिक अगिलका आतंकी हमला कहवाँ होखी ?

भोला बाबू परेशान. ओकरा के समुझावस कईसे कि आतंकियन का हमला का बारे में पहिले से कवनो जानकारी ना रहेला. ओकर त बस ईहे कहल रहुवे कि रउरा पार्टी के गृहमंत्री त कहत रहलें कि उनुका सब कुछ पहिलहीं से मालूम रहुवे. जानत रहुवन कि आतंकी समुन्दर का रस्ते अइहन आ ताज पर हमला करीहन.

आखिर में आजिज आके पूछलन, मान ले तोरा मालूमे हो जाई त का करबे ?

भभीखना कहलसि, मालिक हम ओहिजे डेरा डण्डा डाल देब.

काहे रे, तें अकेलहीं ओकनी के मुकबिला करबे ?

ना मिलक. ओकनी के मुकबिला करे के बेंवत हमरा में नईखे. हम त बस इहे चाहत बानी कि अगिलका हमला में हमार जान चलि जाव. कम से कम परिवार के त सहारा हो जाई. सुनीलें कि सरकार लाखन रुपिया मुआविजा में देबेले.

जवाब सुन के भोला बाबू मुड़ि पकड़ के बईठ गईलें.