भोजपुरी सितारों के लिये इस बार की दिवाली काफी अलग होगा. भोजपुरी फिल्मों के मेगा स्टार मनोज तिवारी जहां पहली बार बतौर सांसद दिवाली का पर्व मनायेंगे वहीं रिंकू घोष इस बार दिवाली पर गरीब बच्चों के बीच पटाखे बाटकर दिवाली मनायेंगी. सीमा सिंह के लिये भी यह दिवाली काफी खाश है इससाल उनकी गोविन्दा के साथ उनकी पहली हिन्दी फिल्म प्रर्दशित होगी. बस कुछ दिनों में सभी भोजपुरी सितारे इस पर्व के रंग में डूबे नजर आयेंगे. इस दिन सभी मिठाइयां बांटते हैं.
आम लोगों के साथ भोजपुरी फिल्मी दुनिया के सितारे भी इस दिन जमीन पर आकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं. तो चलिए दिवाली से पहले एक नजर डालते हैं भोजपुरी फिल्मी सितारों की दिवाली पर.
इस बार दिल्ली में मनाउंगा पहली दिवाली – मनोज तिवारी (सांसद)
दीपावली मेरा फेवरिट पर्व है. मुझे दीपावली पर अपने गांव और बनारस में मां के साथ रहकर दीपावली मनाना काफी अच्छा लगता है. मगर इस बार मैं अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर पूर्व दिल्ली में लोगो के बीच रहकर दीवाली मनाने की योजना बना रहा हू्ं. मुझे आज भी याद है गांव में हम लोग दीपावली में रात के समय बुराईयां जिसको हम लोग क्या कहते थे याद भी नहीं है उसे भगाने के लिए सूप पीटते थे. और लक्ष्मी को घर में लाने के लिए हम लोग हमेशा तैयार रहते थे. पूरा घर बिजली की लड़ियों और दीया से सजाया जाता है और बनारस में लोग एक दूसरे के घर मिठाई लेकर जाते हैं और हम लोग दो दिन तक इतना मिठाई खाते थे कि पूछिये मत. गांव की दीपावली तो आज भी खूब याद आती है. वहां हम दोस्त लोग खूब इन्ज्वाय करते थे और बिहार के भभुआ के अतरवलिया गांव जहां का मैं रहनेवाला हूं. मां हम लोगों के लिए पूआ, पूड़ी और खीर बनाती थी. मेरी बेटी रिती को भी दीपावली खूब पसंद है और वह हमेशा चाहती थी कि दीपावली पर उसके साथ रहूं.
इस बार गरीब बच्चो के बीच मनाउंगी दिवाली – रिंकू घोष
दीपावली मुझे काफी पसंद है. मगर मुझे पटाखों से डर लगता है. इस बार मेैं योजना बना रही हूं कि गरीब बच्चो के बीच रात के समय जाउं और उनके साथ पटाखे जालउं. वैसे आपको बतादुं कि मैं पहले दीपावली पर अपनी बहन के साथ रंगोली बनाती थी मगर अब उसकी शादी हो गयी तो मुझे खुद बनानी पड़ती है. दीपावली पर मम्मी और पापा 14 दीया जलाते हैं वह भी पूर्वजों के नाम पर जिसे पापा ले जाकर हर कमरे में रखते थे और अगर पापा कहीं गये रहते हैं तो मेरी ड्यूटी लग जाती है कि मैं पूर्वजों के नाम वाले इन दीपक को हर कमरे में रखूं.
मुझे याद है कि दीपावली पर मैं अपने पापा के साथ जब मैं छोटी थी तो उनकी मोटरसाईकिल से नयी मुंबई और मुंबई तक जाती थी और पूरी रात वहां का नजारा देखती थी. हमारे यहां शाम को लक्ष्मी पूजा और रात को काली पूजा होती है. इस दिन मिठाई भी खूब खाती हूं.
नेपाल में मनाउंगा दिवाली-विराज भट्ट
मैं नेपाल में रहूं या भारत में दीपावली जरूर मनाता हूं. इस बार मैं दीवाली पर नेपाल में रहुंगा और वहीं पर दिवाली मनाउंगा. दीवाली के दिन तो बस पूछिये मत कि कैसे हम लोग दीपावली मनाते हैं. दिन में शूटिंग होती है और रात को दीपावली. काफी मजा आता है मुझे दीपावली पर. भारत में तो दीपावली पर दोस्तों के साथ रात भर पटाखे फोड़ता हूं. नेपाल में तीन दिन तक मनायी जाती है दीपावली. वहां लक्ष्मी और गाय की पूजा की जाती है. नेपाल में लोग जुआ खेलते हैं और मुझे जुआ खेलना नहीं अच्छा लगता
पत्नी के साथ मनाउंगा दिवाली- विनय आनंद
दीपावली तो मेरा सबसे पसंदीदा त्योहार है. इस दिन मुझे याद है कि मामा गोविन्दा के नाम वाले पटाखे लाता था और देखता था कि जिस पटाखे के कवर पर मामा का फोटो हो उसे ज्यादा से ज्यादा खरीदूं. हम और कृष्णा दोनों मामा और घर के बड़े सदस्यों का आशीर्वाद लेने जरूर एक साथ जाते थे. जब से भोजपुरी फिल्मों में आया कई बार तो ये भी मौका नहीं मिला कि परिवार के साथ दीपावली मनाऊं. सच पूछिये तो पत्नी ज्योति के साथ घर पर दीपावली मनाना आज भी मुझे अच्छा लगता है. इस दिन घर की सजावट और पूजा दोनों में हम लोग एक साथ भाग लेते हैं.
जहानाबाद मेंं मनाउंगा दिवाली – हैदर काजमी
मैं दीपावली अपने जहानाबाद स्थित घर पर मनाता हूं. उस दिन अपने हवेलीनुमा घर को खासतौर पर लाईट और दीपक से सजाता हूं. हां पटाखे खूब फोड़ता हूं. मुझे डर भी नहीं लगता है पटाखों से. रंगबाज हूं फिर पटाखों से क्या डरना. ऐ पटाखे तो रंगबाज रोज फोड़ते हैं. मैं भले ही मुसलमान हूं मगर मैं और मेरे बच्चे हिन्दुओं के भी त्योहार उसी तरह मनाते हैं जैसे मुसलमानों का पर्व हम लोग मनाते हैं. हां एक बात जरूर थी कि हम सोचते थे कि ज्यादा से ज्यादा पटाखे हमीं जलायें. अगर किसी का पटाखा बच जाता था तो हम लोग उसे मांग लेते थे.
गोली से नहीं पटाखों से लगता है डर -संजय पांडे
मैं भले ही खलनायक हूं मगर पटाखों से मुझे काफी डर लगता है. फिल्मी पटाखे तो कभी भी कहिये फोड़ लंूगा. दीपावली पर मुझे पत्नी और बच्चों के साथ रहना और पूजा पाठ करना काफी अच्छा लगता है. कभी-कभी तो शूटिंग के चलते दीपावली सेट पर भी मनाना पड़ता है. लेकिन कहीं भी रहूं दीपावली पर खूब धमा चैकड़ी होती है. कुछ दोस्तों की राय होती है कि जुआ खेला जाये मगर मुझे यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता. लक्ष्मी पूजा जरूर करता हंू और घर की सजावट भी. इस बार का शूटयृल डायरी तो बता रहा है कि शायद ही घर पर रह पाऊं और सेट पर ही दीपावली मनाना पडेगा.
मम्मी पापा के साथ दीपावली मनाती हूं-सीमा सिंह
मैं दीपावली पर अपने मम्मी पापा के घर जाती हूं और वहां खूब पटाखे फोड़ती हूं और धमा चैकड़ी भी खूब होती है. हां इस दिन घर में पूजा पाठ जरूर करती हूं और पटाखों में मुझे अनार बहुत पसंद है. रॉकेट भी खूब जलाती हूं. बचपन में तो सिर्फ फुलझड़ी से काम चलाना पड़ता था. दीपावली मेरा पसंदीदा त्यौहार है मगर अगर कोई शूटिंग निकल आई तो सेट पे भी पटाखे जरूर फोड़ती हूं. मिठाई भी सबको खिलाती हूं.
दिवाली पर गरीबों के साथ खाना खाते हैं-किरण यादव
इस दिन मैं और मेरे पति तेज जी दोनों लोग शायरी लिखते हैं और अगले दिन अपने गुरु मेयार सनेही के पास जाकर कहते हैं कि आप ही बताइये कि किसने बढ़िया शायरी लिखी है. फैसला हमारे शायर गुरु जी ही करते हैं. दीपावली पर हम लोग गरीबों के साथ खाना खाते हैं और उन्हें साबुन, तेल वगैरह जरूरी सामान देते हैं. बच्चों को साफ निर्देश है कि बारूद से मत खेलो सो वे उससे दूर ही रहते हैं.
(शशिकांत सिंह)
0 Comments