दस दिन का गैरहाजिरी का बाद

दस दिन से कुछ कारणवश टटका खबर ना दिहल जा सकल आ आजु जब अइनी त कवनो खास अफसोसो ना लागल काहे कि केहू के कवनो कमी ना बुझाइल. देखत बानी कि कवनो शिकायत, कवनो कमेंट नइखे दिहल गइल एह बीच.

हमरा ई बाति बढ़िया से मालूम बा कि टटका खबर पर कवनो नया खबर ना मिले काहे कि एकर स्रोत पहिले से आम जानकारी में आ चुकल खबरे होले. टटका खबर के मकसद खबर चहुँपवला से बेसी एह बाति के होला कि पाठक तात्कालिक खबर के भोजपुरी में पढ़े के आनन्द ले सकसु. दोसरे एही बहाने एकरा के हम अपना ब्लॉग का तरह इस्तेमाल करीले.

एह सब का बावजूद टटका खबर पर खबर चुने में पर्याप्त समय आ मेहनत लागेला. कई गो माध्यम से खबर चुनके एह पर दिहल जाला जवन भोजपुरिया माइन्डसेट खातिर उचित लागे. आ जब एकर कमी केहू के ना खले तब सोचे के मजबूर होखे के पड़ेला कि एह खण्ड पर मेहनत कइल जाउ कि ना. हालांकि अइसन नइखे कि लोग टटका खबर पढ़े ना आवे. लोग त रोजे आवेला, एहू बीचे आवत रहल बा बाकिर केहू के एकर कमी ना खटकल, भा लोग शिकायत कइल जरूरी ना समुझल.

आशा बा कि पाठक लोग एह खबरन पर आपन टीका टिप्पणी नियमित रुप से कइल करी जवना से हमार उत्साह बनल रहो.

खैर, चलीं हम अपना काम में लागीं. बाकी सब कुछ रउरा सभे के मरजी !

राउर,
ओम
खबर बिटोरे वाला, टटका खबर

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