✍️ – अंजोरिया डेस्क
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Babar as portrayed in NCERT
भारत में मुग़ल वंश के स्थापना करे वाला बाबर (जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर) मध्य एशिया के फरगना घाटी (वर्तमान उज़्बेकिस्तान) से आइल रहल. बाबर भारत पर 16 वीं सदी में आक्रमण कइले रहल.ओकर असली उद्देश्य भारत पर राज करे के ना रहल, बलुक इहाँ के धन-दौलत लूटे के रहल. बाबर 1526 ई. में पानीपत के पहिला लड़ाई में इब्राहिम लोदी के हराके दिल्ली के सल्तनत पर कब्जा कइलस. दिल्ली के ऐश्वर्य देख के ओकर लालच बढ़ गइल काहे से कि उ जान गइल कि ईहां आपस में मेल-भाव नइखे जेकर लाभ उठा के ऊ भारत में स्थायी कब्जा जमा सकेला. बाबर के ताकत रहे ओकर तोपखाना, जेकरा चलते इहां के सेना के भारी नुकसान भइल, काहे कि तब भारत में राजा पारम्परिक तरीका से युद्ध करत रहले अउर उनका खातिर तोप एगो वज्रपात से कम ना रहे.
जब खानवा (1527) के लड़ाई में बाबर के राणा सांगा से युद्ध भइल त बाबर अपना सैनिक से जिहाद के नारा लगववलसि, काहे कि राणा सांगा के सेना बहुत बड़ रहे अउर ऊ बहुत पराक्रमी राजा रहलें. बाबर के सेना में ऑटोमन तुर्क अउर उज्बेक सैनिक रहले जे जिहाद खातिर मर मिटे के तैयार रहलें. राणा सांगा के काफिर बता के बाबर जेहाद के नारा देहलस, अउर आपन सैनिकन के युद्ध खातिर तैयार कइलस. खानवा के जीत में बाबर के सेना से बड़हन बात ई रहुवे कि ओह समय के कई गो राजपूत शासक, राणा सांगा के साथ ना देके बाबर के साथ दिहलें जेकरा चलते राणा सांगा पराजित हो गइलें.
बाबर के शासन, हिन्दू जनता के प्रति घोर क्रूरता आ अत्याचार से भरल रहल. बाबर कई हिन्दू मंदिरन के तुड़ववलसि जेकर उल्लेख बाबर खुदे अपना किताब ‘बाबरनामा’ में कइले बा. बाबर ना त भारत के संस्कृति के सम्मान दिहलस, ना इहाँ के जनता के भलाई खातिर कवनो काम कइलस. बाबर के मकसद साफ रहल – जेतना हो सके भारत के लूट ल. बाबर ना त भारत के सपूत रहल, ना भारत के हितैषी.
NCERT में बाबर- महान विद्वान
हमरा देश के वामपंथी इतिहासकार NCERT में बाबर के एगो विद्वान देखवले बाड़न, काहे से कि ऊ एगो किताब लिखले रहल जेकर नाम रहे “बाबरनामा” (तुजुक-ए-बाबरी). बाबरनामा में फरगना के सुन्दरता अउर भारत के बुराई लिखल बा. भारत के एगो गर्म जलवायु वाला वीरान प्रदेश बतवले बा जहाँ ना त बाग (फल के बगीचा) रहे, ना त पिये के साफ पानी रहे, एतना धूल अउर गर्मी रहे कि सांस लीहल मुश्किल रहे. बाबरनामा में भारत के “गंदा और अव्यवस्थित देश” बतावल गइल बा जहाँ रहे के मकान न रहुए बलुक पत्थर के ढ़ेर रहे. बाबरनामा में एतना सब झूठ लिखला के बावजूद पुरनका NCERT में बाबर के एगो विद्वान और महान लेखक के रूप में स्थापित कइल गइल रहुवे.
बाबर के ना त भारत के ज्ञान रहुवे अउर ना त भारतीय संस्कृति के. काहे से कि बाबरनामा में वेद, पुराण, उपनिषद, वेदांग, धर्म-शास्त्र, भाषा, बोली, पर्वत, पठार, रेगिस्तान, मैदान, नदी, झरना, ऋषी-मुनी, योग, आध्यात्म, वैराग्य, सेवा-सत्कार आदि कउनो चीज के बारे मे कुछउ नइखे लिखल गइल. जवन बाबर भारत में बमुश्किल तीन-साढ़े तीन साल रहल होखे, भारत के दसों प्रतिशत भूभाग के ना देखले होखे, ओकरा नजर में त भारत एगो बदरंगे देश रहे. ओह समय भारत में अजान, नमाज, रोजा, मोहर्रम, तजिया, इफ्तार त रहे ना, एहीसे बाबर के भारत बदरंग लागत रहुवे.
जवना देश के विद्वान अपना देशे से प्रेम ना करस उनका त बाबर, अकबर, औरंगजेब, टीपू सुल्तान जइसन मुस्लिम आक्रांता बहुत विद्वान, वीर, साहसी अउर महान लगबे करी. ई सब बौद्धिक दिवालियापन के निशानी हऽ. बाबरनामा मूल रूप से चगताई भाषा में लिखल रहे. चगताई भाषा जल्दिये बिलुप्त हो गईल. एही से बाबर के पोता (अकबर) बाबरनामा के फारसी में अनुवाद करववलसि. अब्दुर्रहीम खान-ए-खानां, जवन बाबरनामा के फारसी में अनुवाद कइले रहे ऊहो बाबरनामा के पूरा ना पढ़ पवलसि, एही से 144 गो चित्र बनवा के बाबरनामा के चित्रात्मक शैली में अनुवाद कइलस.
हमरा देश के वामपंथी इतिहासकार एतना विद्वान रहलें कि दौलत, भवानी, मंसूर, सूरदास, मिस्कीन, फारुख़ चोला और शंकर जइसन 47 गो कलाकारन के बनावल चित्र पढ़ि के बाबर के महान विद्वान घोषित क देहलन. अइसन इतिहासकारन के लिखल इतिहास से भारत देश के मुक्त करावल बहुत जरूरी बा. मुगल, तुर्क, मंगोल, खिलजी, लोदी आदि के असली चरित्र के बारे में पढ़ावे खातिर NCERT में बदलाव समय के मांग हऽ.
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