औकात आ बेंवत – बतकुच्चन (208)
ढेर दिन से बतकुच्चन ना कर पवले रहीं त आजु मन कर गइल कि काहे ना आजु एगो बतकुच्चने कर डालीं. आ आजु ला मथैला सोचनी कि आजु औकात आ बेंवत पर चरचा कइल जाई. अगर एकरा के हिन्दी में कहे-समुझे के होखे त औकात माने सामर्थ्य आ बेंवत माने साहस. रउरा लगे सामर्थ्य भा कहीं त राउर औकात बहुते अधिका हो सकेला बाकिर बिना बेंवत के औह औकात के पूरा उपयोग ना हो पावे.
एही औकात आ बेंवत के शेयर बाजार का भाषा में कहे के होखे त औकात राउर कैपिटल होला आ बेंवत राउर जोखिम लेबे के ताकत – रिस्क अपेटाइट भा रिस्क टेकिंग कैपिसिटी – होला. औकात कतनो होखे बाकिर जोखिम लेबे के ताकत ना होखे त औह औकात के कवनो खास इस्तेमाल ना हो पाई. एकरा उलट अगर राउर औकात कम होखे आ बेंवत बेसी के हो जाव त हो सकेला कि रहलो-सहल औकात खतम हो जाव. शेयरे बाजार ना हर तरह के बिजनेस भा अध्यवसाय (प्रोफेशन) में एह तरह के उदाहरण देखल जा सकेला. मँड़ई से निकल के महल में जाए के किस्सा त बहुते सुने के मिलेला आ कई बेर बढ़ाइयो-चढ़ा के बतावल-बतियावल जाला. बाकिर महल से निकल के मँड़इओ ना सड़क पर आ जाए वाला के कवनो चरचा ना होखे. बड़का वकीलन के नाम खूब सुने के मिलेला आ लोग जरतवाह हो जाला ओह लोग के सफलता देखि के बाकिर अदालत परिसर में हवाई चप्पल आ सड़ल कोट पहिने के घूमे वाला वकील के केहू नामो लीहल ना चाहे. डॉक्टरिओ में अइसने होला. जेकर चल गइल ओकर पौ बारह आ जेकर ना चल पावल ऊ कंपाउन्डरो बराबर कमाई ना करि पावे. अब एह हालात खातिर ओह लोग के बेंवत के दोष हालांकि ना दीहल जा सके, औकात के कमी जरूर होला.
औकात आ बेंंवत के चरचा अगर राजनीति करे वालन ला कइल जाव त एकर सबले बढ़िया उदाहरण कांग्रेस, भाजपा, आ आआपा के दीहल जा सकेला. एक जमाना उहो रहल जब जनसमर्थन के बड़का औकात राखला का बावजूद कांग्रेस ओकरा के बेंवत भर ना भजा पवलसि. आ हो सकेला कि कांग्रेस के विरोधी कह देसु कि एकरा ला नीति कम नीयत के दोष अधिका रहल.
भाजपा के जनसमर्थन जनसंघ से विरासत में मिलल बाकिर जतना मिलल ओकरो ले बेसी आपन औकात बढ़ा लिहलसि भाजपा बनला का बाद से. देश के इतिहास में नेहरू का बाद लगातार तीन बेर प्रधानमंत्री बने वाला नरेन्द्र मोदी बन गइलन. बाकिर अपना अथाह औकात के इस्तेमाल करे के बेंवत भाजपा में नइखे. जे ओकरा के वोट ना देव ओकरा ला ऊ सबकुछ करे के तइयार हो जाला जबकि औकर लगे जवन औकात – जनसमर्थन – बा ओकर सही इस्तेमाल करे के बेंवत भाजपा में आजुओ देखे के नइखे मिलत. हँ पिछलका लोकसभा चुनाव 2024 का बाद से कुछ सुधार जरुरे देखे के मिले लागल बा. भाजपा कबो एह तरह खुलेआम बँटोगे तो कटोगे के नारा लगावे के बेंवत ना देखवलसि बाकिर अब देखावे लागल बिया. देखल जाव कि आजु भइल चुनाव में (महाराष्ट्र आ झारखंड के विधानसभन के आ यूपी समेत कई राज्यन के उपचुनाव में ) एकर परिणाम देखे के मिल जाई. जब लिख रहल बानीं तबले एक्जिटो पोल आपन बक्सा नइखे खोलले. 23 नवम्बर के एकर खुलासा हो जाई जब मतगणना के काम पूरा हो जाई.
आ कांग्रेस आ भाजपा का तुलना में कम औकात रखला का बदो आआपा के गोल अपना बेंवत का बल पर जतना जल्दी जतना हासिल कर लिहलसि ओकरो उदाहरण देश में दोसर ना मिली. राजनीति के चाणक्य कहाए वाला शरदो पवार के कबो अतना हैसियत भा औकात ना बन पावल कि ऊ अपना गोल ला बहुमत हासिल करा पावसु. उहो जवन कुछ बनलन अपना बेंवत से, राजनीतिक जोड़-तोड़ के चाल्हाकी से.
अब चलत चलत ख्यात, विख्यात आ कुख्यात के चरचा कइले जात बानी. एह पर भउजी से बतिया के बताएब.
0 Comments