देश के सुप्रीम कोर्ट आजु दिल्ली शराब घोटाला के आरोपी मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, जे स्वंयभू कट्टर ईमानदार हउवन, के अंतरिम जमानत दे दिहलसि. कट्टर न्याय के अइसन दुर्लभ उदाहरण देशे ना दुनिया के कवनो न्यायपालिका में ना मिली. आ मिलबो कइसे करी जब न्यायाधीशन के बहाल करे वाला हमनी के देश वाली व्यवस्थो कतहीं देखे के ने मिले. संविधानो में अइसन कवनो व्यवस्था नइखे बाकिर विद्वान न्यायाधीशन के मंडली अइसन कहे त आम आदमी के कवनो औकात नइखे कि ऊ कवनो सवाल उठाए. न्यायाधीशन के कहल हर बात कानून मानल जाए के चाहीं आ ओकरा के न्याय, तर्क भा सिद्धान्तन के कसौटी पर कसल गैरवाजिब मानल जाई.
त जब महाविद्वान आ न्यायदर्शन के पारंगत न्यायाधीश फैसला सुनाईए दिहलन कि चुनाव का समय में कवनो मुख्यमंत्री के प्रचार के काम करे से रोकला के कवनो कारण नइखे लउकत त हमनी करिए का सकिलें सिवाय थपड़ी पिटला के.
टटका –
सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल के मिलल अंतरिम जमानत से देश भर के अपराधियन के आस जाग गइल बा. सभका अब उमेद हो गइल बा कि अब उहो लोग कानून का फँसरी से आपन गरदन बचा लीहन.
अपराधियन आ भठियारन के मिलल एह राहत के इंडी गोलबन्दी में शामिल गोल लोकतंत्र के मजबूत करे वाला फैसला बतावत बाड़ें. आखिर अपराधियनो के लोकतांत्रिक अधिकार होला कि ना. का हो गइल जे केहू चोरी-चकारी-भठियारी कईए लीहल. हर आदमी अपना हिसाब से आपन आजीविका चलावो के कोशिश करेला.
कांग्रेस आ आ पा के सरगना अरविंद केजरीवाल के उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलला के स्वागत करत उमेद जतवले बिया कि झारखंड के मुख्यमंत्री रहल हेमंतो सोरेन के एही तरह से राहत दे दीहल जाई.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री आ द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिनो एह फैसला के स्वागत करत एकरा के अन्याय का खिलाफ जीत अउर लोकतंत्र के मजबूत करे वाला बतवले बाड़न.
विद्वान न्यायाधीशन के कहल एह बात के सभे नजरअन्दाज कर दिहले बा कि अंतरिम जमानत केस के गुणदोष पर कवनो फैसला नइखे. काहे कि सभका इहे लागत बा कि दुनिया के सबसे महान न्याय करे वाला ई विद्वान न्यायाधीश आगहूं अइसने छप्पर फाड़ फैसला देत रहीहें. आ भठियारन का लगे रुपिया पईसा के कमी त होखे ना आ महँग से महँग वकील ऊ आराम से कर सकेलें. आम आदमी आपन सोचे. काहे कि अब त सुप्रीमो कह दिहलसि कि समरथ के नहीं दोष गुसाईं !
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