– डा॰ सुभाष राय
मौसम जब साफ बा
त केहू बाढ़ के खिलाफ
पोस्टर लगा सकेला
बिजुरी के गरिया सकेला
तूफान के खिलाफ
दीवाल प नारा लिखि सकेला
जब हवा शीतल
धूप मिट्ठ लगे
त केहू करांति क कहनी
सुना सकेला
लेनिन आ माओ क फोटो
घर के दीवाल प
टांगि सकेला
बाकिर जब मौसम बिगड़ेला
त गिनल-चुनल लोग
घर से बहरे निकलेलं
बिजुरी की गरज से बेखबर
गांव में बाढ़ के
घुसे से रोके खातिन
बान्ह जइसे बिछे खातिन
अइसन केतना लोग बा
धरती माई ऊ सबके
चूमल चाहति बा पियार से.
आदरणीय सुभाष जी
प्रणाम
सुन्दर, नीक
सटीक, सामयिक,
यथार्थ,
कविता मौलिकता से परिपूर्ण बा
अपील करत बा
साधुवाद………… ऐसेहिं हमनी के माई भाषा के समृद्ध करीं
शुभकामना के साथे
संतोष पटेल