थोड़ देर ला मान लीं कि ऊ सांसद भाजपा के ना हउवे

old parliament building

थोड़ देर ला मान लीं कि ऊ सांसद भाजपा के ना हउवे जेकरा दस्तखत से जारी पास पर दू गो आतंकी संसद में घुस अइलें. अगर कवना दोसरा गोल भा गिरोह के सांसद का पास पर ऊ आतंकी संसद में घुसल रहतें त हमनिए का – हमनी मतलब राष्ट्रवादी – कतना बवाल कटतीं सँ

सांसद भइला के मतलब ई ना होखे के चाहीं कि रउआ अपना कर्तव्य आ अधिकारन के इस्तेमाल लापरवाही से करीं. आखिर महुआ मोइत्रा के सांसदी एही चलते नू खतम कइल गइल कि ऊ अपना अधिकार के बेजा इस्तेमाल कइली आ आपन लॉग-इन अउर पासवर्ड दोसरा के दे दिहले रहली.

हमरा विचार से भाजपा आ ओकरा कर्णधारन में खास @narendramodi अउर @AmitShah के एह मौका पर एगो बरियार संदेश दिहला के जरुरत बा. ओह सांसद के सदस्यता तुरत प्रभाव से खतम कर देबे के चाहीं भा मामिला संसद के एथिक्स कमिटी के भेज देबे के चाहीं. हम मानत बानीं कि ऊ सांसद एह मामला में – एह हमला में – संलिप्त नइखन. बाकिर भइल त सब कुछ उनुके दस्तखत से. दोसरे उनुका सचिवो से पूछताछ होखे के चाहीं कि ऊ बिना जाँच-पड़ताल कइले केहू ला पास कइसे बनवा दिहलें. एक्शन संसद के सुरक्षाकर्मियनो का खिलाफ होखे के चाहीं कि ऊ अपना कर्तव्यन के निर्वहन लापरवाही से कइलें.

साथही संसद में अब अइसन व्यवस्था करा देबे के चाहीं कि दर्शक दीर्घा – भा कवनो दीर्घा से – नीचे कूदल ना जा सके, भा कुछ फेंकल ना जा सके. बुलेट-प्रूफ काँच एगो सहज समाधान हो सकेला. दोसरे दीर्घा में जाए वाला लोगन ला अइसन वस्त्र निर्धारित कर दीहल जाव जवना में कवनो जेब ना होखे आ संसद में प्रवेश करे से पहिले ऊ लोग आपन जूता-चप्पल-घड़ी-गहना-वगैरह बाहरे खोल के जाव. अइसन व्यस्था हर पूजा स्थल में रहेला आ संसद भवन से पवित्र कवनो दोसर जगहा ना हो सके.

अगर ओह भाजपा सांसद के छोड़ दीहल जाई त दोसरो गोल के लोग एह तरह से काम कर सकेलें आ तब ओह लोग का खिलाफ बोले के नैतिक अधिकार भाजपा भा केन्द्र सरकार का लगे ना रही.

सबले अचरज के बाति ई बा कि सभका मालूम रहुवे कि खालिस्तानी आतंकी 13 दिसंबर का दिने अइसन कुछ कर सकेलें जइसे कि किसानन का नाम पर भइल देशविरोधी आन्दोलन का समय खालिस्तानी लाल किला पर खालिस्तानी झंडा फहरावे के कोशिश कइले रहलें.

आ एगो गोहार अज्ञात बंदूक धारियनो से जे कुछ लोग के निशाना पर लेबे में देर मत लागे. भारत सरकारो के एह वारदात के बाद अमेरिका का सरकारो से आपन विरोध दर्ज करावे के चाहीं आ मांग करे के चाहीं कि अमेरिका से आतंकवादियन के निकाल बाहर फेंकल जाव.

भारत सरकार चाहे त गुरु पतवंत सिंह पन्नू के आतंकवादी घोषित कर देव जवना का बाद अमेरिका सरकार पर ओकरा के अमेरिका से बाहर करे के दबाव बनावल जा सके.

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