बतकुच्चन – ४०


जेकरा खातिर चोरी कइनी उहे कहलसि चोर. पता ना सबले पहिले ई बाति के कहले रहुवे बाकिर आदिकवि वाल्मिकी का बारे में कहल जाला कि ऊ पहिले डकैत रहलन आ लूट मार क के परिवार चलावत रहले. बाद में जब पता चलल कि उनुकर परिवार उनुका पाप के भागीदार बने के तइयार नइखे त ऊ सबकुछ छोड़ राम राम जपे लगले. अब आजु एह कहानी का पाछा त ना जाएब कि झूठ ह कि साँच. काहे कि इहो कहल जाला कि क्रोंच वध का बाद उनुका में कवि जनमल रहे. आजु त चोर के बात करे के बा. कारण कि कुछ दिन पहिले दाँत में बहुते दरद भइल त बुझाइल कि चोरदाँत के दरद जइसन. बाकिर चोरदँता, जवना के अंगरेजी में विजडम टीथ कहल जाला, निकले के उमिर त कहिये पार क गइनी से ऊ चोरदँता ना रहल दाँत के सड़ल रहल. दाँत त निकल गइल बाकिर चोर शब्द मन में घुरियाये लागल. चोर आदमियो के कहल जाला आ मन में लुकाइल कवनो डरो के, अनेसो के. कहल जाला कि मन में चोर बइठल बा. चोरकट ऊ जे दोसरा के सामान छीन चोरा के भाग जाव. चोरिका ऊ धन जवन मेहरारू लोग घर परिवार से लुका छिपा के बचवले रहेला. चोरा चोरी माने लुका छिपी बा दुनिया से लुका छिपा के. इयरवा से लागल बाटे इयरिया पियवा से चोरिया चोरिया ना. बाकिर चोरिका खाली मेहरारूवे ना राखऽ सँ, हमनी के नेता लोग, आफिस के अधिकारी लोग, बड़का व्यवसायी लोग, माने कि सभ तरह के लोग आपन चोरिका राखे लागल बा देश के आयकर विभाग से लुका के. जबकि आयकर से मिले वाला धन से सरकार बहुते कुछ काम करेले जवना से लोग के सुरक्षा आ सुविधा मिलल करेला. बाकिर नेता लोग के चोरिका से जनता बेसी उबियाइल बिया. काहे कि ऊ सभ अइसन चोर हवें जवन सेन्हे पर बिरहा गावेलें. बरियार चोर सेन्हे पर बिरहा गावे. जाग जा लोग, देख ल लोग बाकिर कुछ कर ना पइबऽ लोग ! कहे के मतलब कि चोरी आ सीनाजोरी दुनु करे में माहिर हो गइल बा हमनी के नेता लोग. केहू एक बेटा के बढ़ावे खातिर अपना दोसरा बेटा भा बेटी दामाद के रुपिया से लाद देता कि तूं चुप रहऽ फलनवे के सत्ता सुख लूटे दऽ तूं तले देश के लूट के धन पचावऽ. बाति बहक गइल एकरा खातिर माफी माँगत आजु एहिजे रोकत बानी. काहे कि आजु बड़का दिन हऽ आ आजु बड़ बड़ बाति होखे के चाहीं बड़बड़ ना. हालांकि बतकुच्चन आ बड़बड़ बहुते लोग के एके जइसन लागेला. बाकिर बतबनवा के एह सभसे का ? ऊ त अपने रौ में बहत जाई. तबले नया साल के बधाई दिहले जात बानी काहे कि अगिला बेर भेंट होखी त नयका साल शुरू हो गइल रही.

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