भोजपुरी में मशहूर कहावत हऽ कि बुड़बक के पाँच गो रुपिया दे द बाकिर ओकरा के बुद्धि देबे के कोशिश मत करऽ. हो सकेला कि रउरो ऊ कहानी पढ़ले होखब जवना में बानर ओह गौरइयन के घोंसला उजाड़ देत बा जवन ओकरा के आपन मँड़ई छवा लेबे के सलाह दिहले रहली सँ.
रउरा पूछब कि हँसुआ के बिआह में हम खुरपी के गीत काहे गावत बानी त जान लीं कि कुछ महाबुद्धिमान लोग पलान बनवलसि कि देश के पीएम नरेन्द्र मोदी के बहस राहुल गाँधी से करवावल जाव. पत्रकार एन राम, जस्टिस मदन लोकुर अउर अजित शाह ई पलान बनवले रहलन.
आगा बढ़े से पहिले जान लीहल जाव एह तीनों महापुरुषन के परिचय. काहे कि हो सकेला कि भोजपुरी में दुनिया के पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम के कुछ पाठक एह महान विभूतियन का बारे में ना जानत होखसु.
नरसिम्हन राम जिनका के सगरी दुनिया एन राम का नाम से जानेला अंगरेजी अखबार द हिन्दू के मालिकान कस्तुरी समूह के बेकत हउवन आ जनवरी 2012 ले द हिन्दू के संपादक रहलन. द हिन्दू पढ़ के ई गलतफहमी मत पाल लेब कि ऊ हिन्दू समर्थक होखिहें. हालांकि पापियन के पाप धोवे वाला मोदी सरकार इनको के साल 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित कइले रहुवे.
जस्टिस मदन भीमराव लोकुर आ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह के जस्टिस एह से लिखले बानी कि हम दावा से ना बता सकिलें कि ई दुनू जने न्यायाधीश रहलें कि न्यायमूर्ति ! अब ई मत पूछे लागीं कि जस्टिस, न्यायाधीश आ न्यायमूर्ति में का फरक होला. एह तीनो शब्दन के फरक वइसने ह जइसन धर्म, मजहब आ रिलीजन के होला. हँ त ई दुनू जस्टिस लोग अब रिटायर हो चुकल बा.
इहे तीनों महापुरुष योजना बनवलें कि मोदी आ राहुल का बीच बहस करा दीहल जाव. सवाल बा कि ई लोग कइसे मान लीहल कि बुड़बक से बहस करे वाला महाबुड़बक के तलाश मोदी पर खतम हो सकेला. आखिर मोदी देश के पीएम हउवन. राहुल का हउवन ? संसद के कवनो सदन के नेता विपक्ष ? कांग्रेस का तरफ से पीएम पद के घोषित उमीदवार ? पीएम भा कवनो एम रहल नेता ? राहुल महज एगो सांसद हउवन जिनकर सांसदी अदालते का आदेश से खतम भइल रहल आ बाद में बड़की आदालत का कृपा से फेर बहाल हो गइल रहल.
राहुल त एह बहस खातिर तुरते तइयार हो गइलन काहे कि उनुका निकहा मालूम बा कि बुड़बक से बहस करे वाला महाबुड़बकई मोदी करिए ना सकसु ! से महाबुद्धिमान महापुरुषन के सगरी योजना खटाई में पड़ गइल. आ एहिजे हमरा इयाद आ गइल विद्योत्तमा आ कालीदास के बहस के कहानी. कि कइसे कुछ महाबुद्धिमान लोग कालीदास जइसन महामूर्ख के सिखा पढ़ा दीहल आ साबितो करा दीहल कि कालीदास विद्योत्तमा से बड़का विद्वान मनीषी हउवन !
0 Comments