कई दिन के माथा पच्ची का बाद आखिरकार भाजपा आपन चुनाव समिति बनावे में सफल हो गइल. काल्हु एह बारे में एलान भइला का बाद देखल जात बा कि एगारह सदस्यन वाला केंद्रीय चुनाव समिति आ ओकर सहायता करे वाला बीस गो उपसमितियन में पार्टी के तमाम दिग्गजन के राख दिहल गइल बा. कुल मिला के सतासी गो नेता कवनो ना कवनो समिति में जरूर बाड़ें. कुछ दिन पहिले ले बहुते बड़का नेता लोग के शिकायत रहुवे कि ऊ लोग अपना से जूनियर नेता के कइसे रिपोर्ट कइल करीहें बाकिर लागत बा कि संघ के दबाव का सोझा सगरी टेढ़ई भुला गइल आ जननेता युवा हृदय सम्राट नरेन्द्र मोदी के अध्यक्षता सभका मान लेबे के पड़ल.
अब भाजपा आपन चुनाव प्रचार अगस्त से शुरू करी. अगिला चुनाव का बारे में आइल सर्वेक्षणन से एक बात साफ होखत बा कि भाजपा सबले बड़का दल बन के उभरी आ कांग्रेस के सीट में बहुते बड़ कमी होखी. आ अगर तिसरका मोर्चा के एक सौ साठ सीट से कम मिलल त काग्रेस चाहियो के कुछ ना कर पाई. चुनावी चक्कर देखावत बा कि नरेन्द्र मोदी गँवे गँवे सगरी वोटरन के गोलिया दिहन आ आखिरी लड़ाई मोदी बनाम सगरी नेता हो जाई. एह एकोरियावन से मोदी के वइसने फायदा मिले के उमेद बतावलजात बा जइसन फायदा इंदिरा गाँधी के मिलल रहे साल १९७१ में जब ऊ अपने दल के सिंडिकेट का खिलाफ गरीबी हटाओ का नारा पर चुनाव लड़ल रही आ पूरा विपक्ष गैर कांग्रेस का सिद्धांत पर एकोरिया गइल रहुवे.
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