आजु 19 जुलाई 2023 का दिने भोजपुरी के पहिलका वेबसाइट “अँजोरिया” के प्रकाशन के बीस बरीस पूरा हो गइल आ एकइसवाँ में डेग धर दिहलसि.
एह बीस बरिस में ढेरे वेबसाइट अइली सँ, बाकिर कवनो ना कवनो कारण से देर सबेर सगरी अलोप हो गइली सँ, महुआ टीवी जइसन बहुआयामी भोजपुरी चैनल आ भोजपुरिया डॉटकॉम जइसन पुरहर वेब पोर्टल के अगर हम एह मौका पर इयाद ना करीं त ई हमार कमीनापन होखी. हमरा से जतने हो सकल ओतना कोशिश हम कइनीं कि सभका के साथे चलल करीं, बाकिर अफसोस कि कई एक लोग आ संगठन का साथे हम कदमताल ना कर सकनीं. आ एहसे देर-सबेर सभे के साथ छूटत चल गइल. मन में एकरो पीड़ा बा कि आखिर हमार कवन कमजोरी बा जेहसे कि हम साथ ना निभा पाईं. शायद तू हमरा ओरि ताक, हम तहरा ओरि ताकीं वाला काम हम ना कर सकनी. आजु के एह जुग में शायद सभे ई खोजेला कि हम तोहार पीठ तबे थपथपाएब जब तू हमरा के गोड़ि लगब. आ इहो काम हमरा से ना हो पावल.
जो भी साथी मिले वो बिछड़ते गए
अन्त तक साथ कोई निभा ना सका.
आजु ना त काल्हु हमहूं अलोप हो जाएब आ अँजोरियो देर सबेर अन्हार होईए जाई.
तीन दिन ले भाई रोई,
पाँच दिन ले माई.
तेरह दिन ले तिरिया रोई,
केहू साथ ना जाई.
बीसवीं सालगिरह के मौका त खुशगवार होखे के चाहत रहल बाकिर हँसुआ का बिआह में खुरपी के गीत काहें गावे लगनी एकरो कारण बा. सबसे पहिले त उमेद रहल कि 20 वीं सालगिरह पर एकरा शुभचिन्तकन के ढेरहन शुभकामना संदेश मिली. बहुते लोग के हम एक महीना पहिले इयादो करा दिहले रहीं. कुछ अँजोरिओ पर लिखबे कइनी बाकिर तबहियों बेअसर हो गइल.
भा कहीं त जाग्रत भोजपुरिहा समाज चुप्पी मारि के हमरा के बता दिहलसि कि – “ई मुँह आ मसूर के दाल !”
एकरा बादो बीस बरिस पूरा होखे का मौका पर अँजोरिया के सुधी पाठकन के, हित-मीत के, लिखनिहार के, आ भामाशाहन ( उमीद त ना रहुवे बाकिर चार गो भामाशाह सामने आइए गइलें ) के सादर, सप्रेम आभार जतावत बानी.
साँच कहीं त आजु मन टूट गइल बा. जब ले जीयब आ जाङर रही तबले त एकरा के बनवले बचवले राखब. बाकिर अब ई काम मर्हुआईल मन से होखी. रउरा सभे मन करे त आइल करीं, मन करे त आपन रचना पठावल करीं, हमरो जब मन करी त कुछ ना कुछ अंजोर करत रहब.
कबीरा खड़ा बाजार में सबकी पूछे खैर,
ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर.
अब अइसनो ना भइल कि केहू ना पूछल. दू गो शुभकामना संदेश आ चार गो भामाशाहन से सहयोग मिल गइल, इहो का कम बा ! भामाशाहन के सूची दाँए कॉलम मे दिहल बा. देख लीं. आ शुभकामना संदेश नीचे दे रहल बानी, पढ़ लीं –
भोजपुरी भाषा-समाज आ संस्कृति खातिर समर्पित “अँजोरिया” वेबसाइट के सच्चा प्रयास आ अमूल्य जोगदान के नज़रअन्दाज़ कइल मुश्किल बा.
पाती-परिवार एह वेबसाइट के सँगे सँगे एकरा के मिशन-भाव से बेरुकल, चलावे वाला डा० ओमप्रकाश सिंह के अपना परिवार के अंग मानेला.
एह शानदार साइट के बीसवाँ बरिस पूरा भइला के खुशी त बटले बा, भाषा-संवाद का एह आधुनिक भोजपुरिया माध्यम – “अँजोरिया” – पर गरबो हो रहल बा. अपना जीवट भरल लमहर यात्रा में, अँजोरिया भोजपुरी बोल-बतियाव, सनेस -समाचार का साथ भाषा -साहित्य के प्रकाशन आ संरक्षणो में ना भुलाए वाला, अनूठा जोगदान देले बा.
भोजपुरी दिशाबोध के साहित्यिक पत्रिका”पाती” के 54 वाँ अंक से 101 वाँ अंक तक सहेजे आ प्रसारित करे खातिर हम डा०ओमप्रकाश सिंह आ “अँजोरिया” के आभारी बानी.
#अँजोरिया अइसहीं भोजपुरी भाषा-समाज खातिर अँजोर करत रहे, एकरा खातिर हृदय से शुभकामना !!
– अशोक द्विवेदी
संपादक ” पाती “
ई सूचना पाके दिली खुशी भइल कि ‘अँजोरिया डॉट कॉम’ के दू दशक पूरा होखे जा रहल बा। भोजपुरी खातिर गर्व आ गौरव के बात बा, काहें कि अँजोरिया भोजपुरी के पहिल वेबसाइट रहे आ एकरा निरंतरता के बीस बरिस एगो इतिहास रचला से कम नइखे। एह मोका प दिल से बधाई आ शुभकामना!
हमरा भरपूर भरोसा बा कि भोजपुरी साहित्य-संस्कृति खातिर अँजोरिया हरदम अगहर भूमिका निबाहत रही।
-भगवती प्रसाद द्विवेदी
चलभाष:9304693031
ईमेल:dubeybhagwati123@gmail.com
जे इयाद कइल उनहूं के, आ जे बिसरा दीहल उनहूं के सादर सप्रेम आभार जतावत बानी. कुछ तीखाह हो गइल त माफ करब सभे बाकिर ई अनजाने भइल गलति मत समुझब सभे. सबकुछ जान-समुझ के कहनी ह, आ नाप-तोल के लिखनी ह.
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