भोजपुरी गायक बालेश्वर यादव के निधन

६९ साल के डायबेटीज के रोगी बालेश्वर के तबियत शनिचर के रात अचके में बिगइ गइल त उनका के लखनऊ के डा॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में भरती करावल गइल जहाँ अतवार के दिन में साढ़े एगारह बजे निधन हो गइल. बालेश्वर के अंतिम संस्कार आजु सोमार का दिने भैँसाकुण्ड में करावल जाई. बालेश्वर के परिवार में उनुकर पत्नी छागुरी देवी, तीन गो बेटा राजेश, अवधेश, आ मिथिलेश आ पतोह बाड़ी सँ.

बालेश्वर यादव के जन्म १ जनवरी १९४२ के मऊ के बदनपुर गाँव में भइल रहे. अपना गायकी के चरम पर बालेश्वर पूरा दुनिया में घूम घूम के भोजपुरी गायकी के जोत जरवलें. साल १९९५ में उनका के यश भारती सम्मान से सम्मानित कइल गइल. बालेश्वर आपन आखिरी विदेशी प्रस्तुति साल २००८ में सूरीनाम में दिहले रहलें.

बालेश्वर के आपन लिखल आ गावल गीत “माटी के देहिया माटी में मिल जाई” आजु बहुते याद आवत बा. उनकर कुछ गीतन के मुखड़ा रहे, फुलौड़ी बिना चटनी कइसे बनी, सात सहेलिया खड़ी खड़ी, रोज रोज ससुरा दारु पियत है, कटहर के कोवा तू खइलऽ त ई मोटकी मुगरिया के खाई.

दोसरा खबरन में गाजीपुर के स्वतंत्रता सेनानी रामजी पाण्डेय आ जगपति यादव के निधनो के समाचार बा. जगपति यादव १०५ बरीस के रहलें.

0 Comments

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।