पता ना ओमर्टा शब्द आइल कहाँ सेे, भा कवना भाषा से. बाकिर जानकार लोग मानेेला कि एकर उत्पति सिसिलियन शब्द ओमू सेे भइल होखी.ओमू मतलब मरद आ मरदानगी वाली बात हो गइल ओमर्टा सिद्धान्त. हालांकि ई सिद्धान्त ना हो के समझौता बेसी रहल बा.
इटली के माफिया गिरोहन में एकराय रहल कि कवनो हालत मेें कवनो दुश्मन का बारे मेें पुलिस के कवनो जानकारी ना दीहल जाई. दुश्मनी निबाहे के बा त अपना बल-बेेंवत पर निभावल जाई. एहमेें पुलिस-प्रशासन केेे दखल देबे के मौका ना देेबे केे चाहीं. अगर बुझाव कि दुश्मन हमरा से बेेंवतगर बा त कवनो दोसरा बड़हन गिरोह के सहायता लीहल जा सकेला. बाकिर कवनो सूरत में पुलिस-प्रशासन के ना. आ माफिया गिरोहन में ई समझौता अतना जरूरी मानल जाला कि अगर जे केेहू एह समझौता का उलुटा काम करी त हर गिरोह ओकरा केे नेेस्तनाबूद करे केे काम करी, भलहीं ओकरा एह सेे कवनो मतलब होखे भा ना. काहेें कि एह समझौता सेे अलग चले वाला या त बेवकूफ हवेे या कायर आ अइसनका आदमी केे रहला केे कवनो मौका ना मिले केे चाहीं.
रउरा सभेे सोचत होखब कि आजु हम ई ओमर्टा चर्चा मेें काहे लाग गइनी. त बतावल चाहत बानी कि अपना देश के राजनीतिक नेेतवनो में ई समझौता आजादी का बादे से बन गइल रहल कि हम तोहरा खिलाफ कवनो कार्रवाई ना करब, तू हमरा खिलाफ मत करीहऽ.
तूंहू लूटऽ हमहूं लूटीं, लूटे के आजादी बा.
सबले बेसी उहेे लूटी जेकरा देह पर खादी बा.
एहमें दोष खादी के ना हो के खद्दरधारियने केे रहल बा. नेेहरू का समय सेे लगवले बाजपेयी का सरकार तकलेे एही समझौता का हिसाब सेे आचरण रहल. आरोप खूब लगावल जाई, हो हल्लो खूब मचावल जाई बाकिर कबो आरोपी केे दोषी साबित करेे केे कोशिश ना कइल जाई. हँ एक दोसरा केे राजनीतिक रुप सेे हरावेे-मेटावेे के कोशिश जरुर होत रही.
बाकिर 2014 मेें मोदी सरकार बनला का बाद से बहुत हद ले एह समझौता केे पालन रुक गइल बा. बात बहुत हद लेे एही सेे कहत बानी कि आजुओ आरोपी गाँधी-नेेहरू परिवार छुट्टा ना सही बाकिर जमानतेे पर मजेे सेे घूम रहल बा. जमानत पर पूरा खानदान बा बाकिर ओकरा केे दोषी साबित करेे केे कवनो कोशिश नइखे होखत. लउकतो नइखे.राहुल गाँधी के नागरिकता वाला मसला एही तरह के बा. गृह मंत्रालय आजु ले एह बात पर कवनो निर्णायक कदम नइखे उठवले. नेेशनल हेराल्ड वाला मुकदमो केे इहे हाल बा. बाकिर दोसरा नेेतवन केे हालत खराब जरुर हो गइल बा.
इण्डिया अगेेन्स्ट करप्शन का दौर मेें पहिला बेर उमेेद जाग़ल रहल कि शायद अब देश मेें राजनीतिकन केे भठियारापन पर रोक लाग जाई. बाकिर एह आन्दोलन सेे जवन जिन्न निकलल तवन जिन्न ना होकेे घोड़परास साबित भइल. ऊ त अतना हड़बड़ी मेें आइल कि जवना सीमा लेे गिरेे मेे बाकी गोलन के बीस तीस बरीस भा ओकरो से बेसी लागल ओकरा केे ई नयका पाँचे साल में गिर के देखा दिहलन स.
हालांकि जवना तरह सेे विपक्षी गोल के भठियारन का सोझा अब दूइए गो राह रह गइल बा कि चुपचाप एनेे आ जा ना त सगरी बोखार छोड़ा दीहल जाई. ओह सेे कबो-कबो इहो उमेद जागत बा कि अब जेे कभी विपक्षियन केे सरकार बनल त उहो भाजपाईयन के बोखार अइसहीं छोड़इहें. आ शायद एही डर सेे सहमल भाजपाई कुछ गलत करे के हिम्मत नइखन कर पावत. हालांकि विपक्ष अतना हताश हो गइल बा कि लागत बा कि देर सबेर भाजपे केे कुछ अइसन बेेवस्था करे केे पड़ी कि कुछ भाजपाईयन केे विपक्ष वाली भूमिका में भेेज दीहल जाव. बाकिर इहो अतने सांच बा कि मौजूदा सत्ता पक्ष मेें आलोचना सहे केे क्षमता बहुतेेे कम बा. ना त यशवन्त सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, सतपाल मलिक, वरुण गाँधी जइसन लोग के पनपेे के मौका दीहल गइल रहीत. नितिन गडकरी एह भूमिका के बखूबी निभा सकेलेें. नेता अइसने होखेे के चाहीं कि ऊ सरकार में रह के विकास आ राष्ट्रहित के पूरा धेयान राखे बाकिर बीच-बीच मेें कुछ अइसहूं बोलत रहे जेे सत्ता विरोधियन के ओकरा मेें तनिका उमेद जाग जाव. संघ का लगे अइसन क्षमतो बा आ अइसन समर्पित कार्यकर्तो जे एह तरह केे काम कर सकेलें. जरुरत बा कि एह तरह केे इंतजाम 2024 का चुनाव का बाद जल्दी सेे जल्दी कर लीहल जाव काहें कि ओकरा बाद मौजूदा विपक्ष शायद अतना हताश हो जाई कि ओकरा में भाजपा सेे लड़े के हिम्मते ना रहि जाई. एकर छोटमोट उदाहरण हाल के चुनाव में देखे के मिलतो बा.जइसेे कि अरुणाचल प्रदेेश में कांग्रेसो का लगे उमीदवारन केे अइसन कमी हो गइल बा कि बेचुनावेे छह गो भाजपा विधायक निर्विरोध चुना गइल बाड़न. आ अमेेठी-रायबरेली खातिर उमीदवारन के तलाश जारी बा. मोदी भा अमित शाह का खिलाफ बेंवतगर उमीदवार खोजे केे त बाते छोड़ दीं.
देश मेें लोकतंत्र खातिर ई हालात चिन्ताजनक होखे केे चाहीं बाकिर 2024 का चुनाव का बादे एह पर सोचल जाव. अबहीं भठियारन का जड़ मेें कुछ अउर मट्ठा डालल जरुरी बा. साथही गाँधी, जेपी, आ अन्ना जइसन नेेतो लोग सेे सावधान रहेे केे चाहीं. गाँधी देश केे नेहरू दे गइलन, जेेपी लालू, आ अन्ना केेजरीवाल.
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