रउरा एहिजा एकरा केे पढ़त बानी त ई बतावत बा कि आदमी केे रुचि मीडिया मेें होला. काहेे कि मीडियो सेे ओकरा बहुतेे जानकारी मिलेेला. पुरनका जमाना, हम प्रागैैतिहासिक काल केे बात नइखीं करत, मेें सोशल मीडिया का जगह बस मुँहा-मुँही रहल. बाकिर जब सेे इन्टरनेट आइल तब सेे सूचना तक आदमी के पँहुच बढ़ गइल. आ आजु का जमाना में मुख्य मीडिया, जइसे कि अखबार आ ओकरा बाद आइल टीवी मीडिया एकरा मेें शामिल बा, का अलावा दोसर कवनो स्रोत ना रहुवेे जहाँ सेेे कुछ जानकारी पावल जा सकेे. आ अपना एकाधिकार का चलतेे मुख्य मीडिया केे ताकत ओकरा बेेंवत, माने सामर्थ्य, सेे बेसी हो चलल रहुवेे. सोशल मीडिया केे अइला का बाद सेे एह तथाकथित मुख्य मीडिया छटपटा रहल बा. बाकिर आपन आदत छोड़ेेला अबहियों तइयार नइखेे.
रउरा सोचत होखब कि ई चरचा हो काहेे रहल बा. त ई बतावेे खातिर कि अगर मीडिया सेे जानकारी लेबेे केे बा त जवन छपल ना तवना केे पढ़ेे केे, आ जवन देखावल ना गइल ओकरा केे देखे केे गुण उपयोग मेें ले आवेेे केे पड़ी. जानत बानी कि कहला-लिखला मेें ई जतना सहज बा ओतना सहज होखेे ना असलियत मेें. एहिसेे एह लेख केे मथैैला बनवनी कि, ‘मीडिया केे ना बूझनी त का बूझनी’ !
ई पोस्ट लिखे केे मन एहसेे कर गइल कि काल्हु जेेएनयू छात्रसंघ चुनाव के मतगणना भइल आ एकर खबर कइसेे छपल पहिलेे ओकर बानगी देख लीं.
द हिन्दू अखबार कहलसि कि,
Left candidates trounce ABVP in JNU students’ union elections.
United Left alliance wins three posts, BAPSA gets one post in Jawaharlal Nehru University Students’ Union (JNUSU) polls.
आ दैैनिक हिन्दुस्तान लिखलसि कि,
JNUSU चुनाव में लेफ्ट ने ABVP की उम्मीदों पर फेरा पानी, सभी चारों सीटों जमाया कब्जा; धनंजय बने अध्यक्ष
जूएनयू के छात्रसंघ चुनाव में सभी चार केंद्रीय पैनल के पदों पर लेफ्ट के प्रत्याशियों की जीत हुई है। गया के रहने वाले धनंयज ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। उन्होंने एबीवीपी के प्रत्याशी को हराया।
अउरिओ अखबारन मेें कमोबेेसी एही तरह केे खबर छपल. पढ़ेे वाला केे का लागी ? ओकरा त इहे बुझाई कि जेेएनयूएसयू छात्र संघ केे चुनाव में बवारा गोलन केे शानदार जीत मिलल आ एबीवीपी हाथ मलत रहि गइल. बाकिर का रउरा इहो जान पाएब कि जेेएनयूएसयू छात्र संघ केे चुनाव साल 1975-76 सत्र से लेे केे अबकी तक कुल 28 बेेर भइल बा. आ एहमेें सेे एकेे बेेर विद्यार्थी परिषद अध्यक्ष जीत पवलसि. कांग्रेेस समर्थित एनएसयूआई ओ केे महज एकेे
बेर अध्यक्ष पद पर जीत मिलल बा. दू बेेेर एह पद पर निर्दलियो केे जीत मिलल बा. मानेे कि 28 बेेेर मेे सेे 24 बेेर बँवारा गुटेे जेेएनयूएसयू छात्र संघ केे चुनाव जीतत आइल बा. एहसेे साबित कइला केे कवनो जरुरतो नइखे कि जेेएनयूएसयू छात्र संघ पर हमेेशा से बँवारा गुट के कब्जा रहल बा.
अब एह खबर केे असलियत त ओही तरह लुका लीहल गइल जइसेे पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव मेे 3 गो विधायक का जगहा 77 गो विधायक जीतवा लेे आवेे वाली भाजपा का बारेे मेें लिखल गइल रहेे कि भाजपा के बड़हन
हार मिलल 2021 विधानसभा चुनाव मेें !
जबकि असलियत ई रहल कि भाजपा आपन शानदार जीत दर्ज कइले रहल ओह चुनाव मेें.
ठीक एही तरह जेेएनयूएसयू छात्र संघ केे चुनावो ढवाला खबर से रउरा ई ना जान पाएब कि बँवारा गुट के अपना गढ़ मेें जीतेे खातिर बहुतेे लड़ाई लड़ेे केे पड़ल आ गिनिती का शुरुआत मेें त इहे लागलो रहल कि शायद एक बेेर फेेरू एह बँवारा गढ़ पर भगवा केे झंडा फहर जाई !
विद्यार्थी परिषद के बधाई मिले के चाहीं कि ऊ नाको चना चबवा दिहलसि बँवारा गुट केे ओकरा अपने गढ़ मेें ! लागल रहऽ जवानेे, एक ना एक दिन जीत मिलबेे करी.
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