कुछ दिन पहिले बिहार के मुख्यमंत्री के बयान आइल रहे कि अगर चुनाव में जदयू राजद कांग्रेस गठबन्हन के बहुमत मिलल त नीतीश कुमार मुख्यमशत्री बनीहे. एह बयान का बाद बिहार के राजनीति गरमा गइल बा. राजद के कहना बा कि अबहीं एह तरह के कवनो बातचीत भा फैसला नइखे भइल. एह बयान का चलते विधानसभा के दस गो खाली सीटन पर होखे वाला उपचुनाव के जोड़तोड. में पेंच फआसे लागल बा.
ओने भाजपा के दावा बा कि उपचुनाव में भाजपा नीत राजग गठबन्हन के जीत दसो सीट पर होखे जा रहल बा.
राजद आ जदयू के खींचतान के आलम ई बा कि अबहीं ले लालू प्रसाद आ नीतीश कुमार कवनो जगहा एक साथे मंच साझा करत नइखन लउकत. बतावल जात बा कि किरकिरी होखला का चलते अब फैसला लिहल गइल बा कि सोलह भा सतरह अगस्त के छपरा में होखेवाला सभा में दुनू जने मंच पर एक साथे नजर अइहें.
पोखरा में मछरी नौ नौ कुटिया बखरा करत भाजपो के नेता लोग आपन आपन दाॅव खेलल शुरु क दिहले बा. एह काम में स्वाभाविक रूप से सुशील मोदी आगा बाड़न जिनकर शुभचिन्तक उनकर नाम उछाले में कवनो कोर कसर नइखन छोड़त. अश्विनी कुमार चौबे के अतना त पते बा कि बिहार में कवनो आगड़ी जाति के नेता के मुख्यमंत्री बने के उमेद बहुते कम बा से उ सुशील के पत्ता काटे का जुगत में कवनो महादलित के मुख्यमंत्री बनावे के बात कहत बाड़न. नशद किशोर यादव, श्याम नारायण आर्य, वगैरह सभे नेता मने मने गाजे में लागल बा लोग बा कि शायद अबकी बेर उनके हाथ कड़ाही में डूबी.
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