मुल्लायम के इकतीस बरीस पुरान पाप के खातमा
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मुल्लायम के इकतीस बरीस पुरान पाप के खतम करे में योगी सरकार अइला का बादो दस बरीस लाग गइल.

बरीस 1993 में यूपी के मुख्यमंत्री रहल आ बाद में गदहो के जरुरत पर बाप कहे वाला आदत से मजबूर भाजपा का तरफ से पद्मभूषण से सम्मानित – ना सम्मानित ना, नवाजल गइल – मुलायम सिंह के अनेके कारगुजारी उनुका के मुल्ला मुलायम कहे पर मजबूर कर दिहले रहुवे वृहत्तर हिन्दू समाज के. हालांकि मुलायम सिंह ला ई गारी ना उपाधि रहल. उनुकर वोट बैंक रहलन मुसलमान आ एक बेर मुलायम कहलहूं रहलन कि अगर कारसेवकन पर गोली ना चलववले रहतीं त मुसलमान हमरा पर भरोसा छोड़ देतें. बात सही रहल आ आवे वाला बरीसन में ई कई बेर सही साबितो भइल कि मुसलमान जतना मुलायम पर भरोसा करेलें ओतना शायद शाही मस्जिद के इमामो पर ना करेलें. उनुका बाद सपा के मालिकाना हक उनुका बेटा का लगे चलि गइल आ उहो एही राह चलत गइलन.

बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर जे भी गइल होखी ऊ देखले होखी कि कवना तरह एगो विशाल भव्य मंदिर के ढहवा के एगो मस्जिद बनावल गइल बा. हिन्दूवन में अपना आप से हिकारत होखत रहो एह कारण ओह मस्जिद के नाम दीहल गइल ज्ञानवापी मस्जिद के आ एगो पूरा देवार ओही हालत मे बनवले राखल गइल जवना से हिन्दू हमेशा याद राखसु कि उनुका मन्दिर के हमहन का हालत बना के रखले बानी सँ.

औरंगजेब आ मुसलमानी तलवार के सामना करे लायक अपना के ना मानत हिन्दू समाज चुपचाप एह नियति के सकार लिहलसि. ओकरा अतने पर संतोष रहुवे कि दीवार पर बनल शृंगार गौरी के पूजा करे के अधिकार सगरी हिन्दूवन के आ मस्जिद के दू गो तहखानन में से एगो तहखाना – व्यासजी के तहखाना – में राखल मूर्तियन के पूजा करे के अधिकार व्यासजी के मिलत बा.

बाकिर मुल्लायम के इहो बरदाश्त होखे जोग ना रहल. दू बेर कारसेवकन के खून से सरयू के पानी लाल करा देबे वाला मुलायम बिना कवनो लिखित आदेश के आ बिना कवनो कारण बतवले एह पूजन के अधिकार छीन लिहलन हिन्दूवन से. अफसरान के रीढ़ त होला ना. झुके के कहल जाव त रेंगे ला तइयार रहेवाला अफसरान के हिम्मत ना रहुवे कि लिखित आदेश खोजसु. आ ओहनी के इहे नालायकियत बाद में हिन्दूवन के कामे आ गइल.

अदालत में जब शृंगार गौरी के पूजा के आ एगो दोसर मामिला व्यासजी के तहखाना में पूजा करे के अधिकार मांगत मुकदमा में अदालत के कई बेर पूछला का बादो अइसन कवनो आदेश ना देखा सकल प्रशासन. आ जब सर्वे के रपट सार्वजनिक करा दिहलसि अदालत त ओकरा बाद के स्वाभाविक अगिला डेग में पूजा करे के अधिकार 30 जनवरी के एगो आदेश में दे दिहलसि. प्रशासन के कहल गइल रहल कि सात दिन का भीतर ई सगरी व्यवस्था लागू हो जाए के चाहीं. बाकिर योगी सरकार के प्रशासन सात घंटा भितरे सगरी इंतजाम करा दिहलसि. तहखाना मे जाए वाला राह खोल दीहल गइल. लोहा के फाटक खुल गइल आ 31 जनवरी से पूजा के कार्यक्रम शुरु हो गइल बा.

हिन्दूवन खातिर एगो शर्मनाक इतिहास का रूप में जवना जगह शिवलिंग के राखल गइल रहल नमाज पढ़े जाए से पहिले ओहिजा ऊ आपन हाथ-गोड़ धोवे लगलन. कहल जाला कि एक बेर ज्ञानवापी में हिन्दुवन के आ गाय के खून डालल गइल रहुवे जेहसे हिन्दूवन खातिर ई जगहा नापाक हो जाव.

हर पापी के अन्त आ हर पाप के फल आखिर मिलिए के रहेला. आशा कइल जाव कि जल्दिए ओहिजो भगवान शिव के मंदिर फेरु से अपना भव्य आ दिव्य रुप में आ जाव.

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