बहुत पहिले एगो कहानी सुनले रहीं कि एगो आन्हर बुढ़िया अपना भक्ति से भगवान के आशीर्वाद पा लिहलसि. भगवान खुश हो के ओकरा से कहलन कि तू कवनो एगो वरदान मांग सकेलू.
बुढ़िया सोच में पड़ गइल कि का मांगी. आपन स्वास्थ्य मांगी कि दीर्घायु, आँख मांगी कि आपन परिवार. एगो मिलियो जाव तबो बहुत कुछ के कामना मने मेंरिह जाई. बहुते सोच-विचार के ऊ कहलसि कि, हे भगवान हम चाहत बानी कि कवनो राजमहल में अपना पोता के सोना के थरिया में खात देखे सकीं. भगवनो फेर में पड़ गइलन बाकिर आशीर्वाद त देबहीं के रहल. एके वरदान से ओह बूढ़िया के यौवन, घर परिवार, आँख, धन संपति आ वंशज सब कुध त मांग लिहलसि.
कुछ अइसनके दाँव सोनिया गाँधी चल दिहले बाड़ी आ जब ले लोग वूझ पाइत तब ले ऊ अपना पूरा खालदान के संसद चहुँपावे के जोगाड़ बईठा लिहली. जानत बाड़ी कि अबकी वायनाड जीतल ओतना आसान नइखे जतना पिछला बेर रहुवे. अबकी ओहिजा से राहुल के जीत बहुते कठिन हो गइल बा. एक त बँवारा गिलन का तरफ से मजगर उमीदवार उतार दीहल गइल बा आ ओह पर से भाजपो अपना राज्य अध्यक्षे के मैदान में उतार दिहलसि. एक बेर अमेठी गँवा चुकल राहुल ओकरा बाद अमेठी का तरफ मुँहो ना कइलन से कवना मुँह से ओहिजा के लोगन से वाट मँगीहें.
राजनीति के महाचतुर खिलाड़ी रहल सोनिया गाँधी एह देश पर दस बरीस ले शासन क के देखा चुकल बाड़ी. कुर्सी पर आपन मोहरा बइठा के द् बरीस ले सभकुछ अपने सम्हरली. बदनामी अगर भइबो कइल त मनमोहन के. सोनिए गाँधी से सीख लेके केजरीवालो एही सिस्टम के चला लिहलन. मुख्यमंत्री त अपना रहलन बाकिर सगरी काम मनीष सिसोदिया से करावे लगलन. घोटाला धराइल त मानसिंह सिसोदिया के कुल में जनमल एह मनीष सिसोदिया के पता ना चलल केजरी के चाल आ बेचारा धरा गइल. खैर मनीषो के अबहीं संतोष मिलत होखी जब तिहाड़ में केजरीओ के देखत होखिहें.
राजनीति के शतरंज में एगो चाल चल के अपना पूरा परिवार के संसद चहुँपावे के जोगाड़ क लिहली. पहिले त अपना राज्यसभा चल गइली. वचले बेटा आ बेटी. त राहुल के दू जगहा से लड़वा दिहली. एकहू जगहा से जीत जाई त सांसद होइए जाई. आ अगर बिलाई का भागे सिकहर टूट गइल आ ऊ दुनू जगहा जीत जइहन ल एक जगहा से इस्तीफा दे दिहें आ फेर ओह सीट पर होखे वाला उप चुनाव में वबुनियो के सांसद बनवावे के राह मिल जाई. बस एह एकपिठिया भाई बहिन में लड़ाई मत हो जाव.
आजु राहुल गाँधी हरदी-गुरदी बोले के फजीहत से बाचत महतारी के छोड़ल रायबरेली से सांसदी के परचा दाखिल कर दिहलन, एप मौका पर सगरी गाँघी परिवार मौजूद रहुवे. राहुल के मैदान में उतरला से राहत के साँस लिहले होखिहल अखिलाश यादव. ना त जनता के समुझावल त छोड़ दीं आपने उमीदवारनो के समुझावल मुश्किल हो गइल रहीत.
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