– डॉ० हरीन्द्र ‘हिमकर’
सीमा के पाती, बॉंची जा
एह चिठ्ठी में चीख बा।
दिल्लीवालन भूल ना जाईं
समाचार सब ठीक बा।।
धान-पान सब सूख गइल बा
खेत-मजूरा चूक गइल बा।
पेट-पेट में कोन्हू नाचत
हियरा-हियरा हूक गइल बा।
घर में कहॉं बचल अब दाना?
एक आसरा भीख बा
समाचार सब ठीक बा।
सरकारी पाखंड ठीक बा
अंचल के भूखंड ठीक बा।
लोटा-थारी बन्हकी बाटे
मुखिया आ सरपंच ठीक बा।।
चूसे में चउकस बा थाना
आपन मंशा नीक बा
समाचार सब ठीक बा।
बेकारी अब तूर रहल बा
रोग-बेयादी घूर रहल बा।
हरिआली त हवा हो गइल
दवा रोग से दूर भइल बा।।,
चाल शराबी बा शासन के
मनमानी के लीक बा
समाचार सब ठीक बा।।
ऊॅंख कटल आ मिलल ना पईसा
मिलल बहुत कर्जा में भईंसा।
बॉंटे खाए के जुग बाटे
मजदूरन घर रहत सतईसा।।
कृपा क के नोट छपाईं
आफत बा आ दीक बा
समाचार सब ठीक बा।
जात-पॉंत के बोल-बाल बा
मन में काई ओंठ लाल बा
भाई-बंदी चूर-चूर बा
दलवालन के ई कमाल बा।।
लूट-पाट होता रोजाना
पुलिस मगर निर्भीक बा
समाचार सब ठीक बा।
आर-पार आवत जाताटे
समरथ तऽ खूबे खाताटे।
मत पूछी कइसे का होता
जोंक लगल बा पाटे-पाटे
पेरनी तऽ पटना दिल्ली में
आनहर जनता ईंख बा
समाचार सब ठीक बा।
चलते बा त राज चलाईं
खूब तिरंगा के फहराईं।
कुरसी, कार, करमवाला मिल
खाईं पीं आ मौज उड़ाईं।।
हमर पत्तल खाली-खाली
उनका बोतल सींक बा
समाचार सब ठीक बा।
डॉ हरीन्द्र ‘हिमकर‘
प्रॉफेसर्स कॉलोनी
रक्सौल
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