– आशुतोष कुमार सिंह
भोजपुरिया लोग धान के बिया जइसन होखेलन, जब ले उनका के एगो खेत से दोसर खेत में ना रोपल जाई, उनकर उपजाउपन ना बढ़ी (ई बात दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ावे वाला प्रमोद कुमार जी एगो मुलाकात के दौरान कहले रहनी). कहे के मतलब ई बा कि जइसे धान के बिया के उखार के दोसर खेत में रोपल जाला आ ऊ बहुत तेजी से खेत में लहलहा जाला, ओइसने खुबी बिहार आ खासकर के भोजपुरिया लोगन में देखे के मिलेला. जब ले ऊ आपन गांव आ जवार में रहेलन, तब ले उनका आपन शक्ति के आभासे ना होला, अउर जइसहीं ऊ आपन घर-दुआर के सीमा लांघ के बहरी कदम राखेलन ऊ ओहिजा आपन धाक जमा लेलन. एकरा पाछे अगर कवनो कारन बा त ऊ बा भोजपुरिया माटी के संस्कार. जब एह माटी के संस्कार लेके केहू बहरी के दुनिया से रू-ब-रू होखेला, त ओकर तेज आ आभा मंडल से लोग प्रभावित भइला बिना ना रह पावेलन. आ इहे प्रभाव ह, जवना के कारन बिहार से बहरी जाए वाला लोगन के प्रति दोसरा प्रदेश के लोगन के मन में जलन के भाव पइदा हो जाला. बिहार के लोगन जेतना मेहनती आ तर्क संपन्न आदमी दुनिया के कवनो कोना में नइखन.
आज हम दिल्ली में रहे वालन भोजपुरियन के बारे में चर्चा करे के चाहत बानी.
दिल्ली देश के राजधानी ह आ एहिजा देश के हर कोना से लोग अपना रोजी-रोटी के तलाश में आवेलन. एही तरह जब ‘चटकल’ में बारहमसिया ताला लटक गइल आ लोगन के रोजी-रोटी पुरब के देश से चलल बंद हो गइल, त बिहार के लोग पच्छिम के देश (दिल्ली) के ओर आपन बोरिया-बिस्तरा लेके चल देलन. ई दौर 1990 के दशक से शुरू भइल आ 21वां सदी के आवे-आवे एकर रफ्तार अउर तेज हो गइल.
आज हालत ई बा कि भोजपुरिया लोग दिल्ली के राजनीतिए ना बलुक एहिजा के सामाजिको ताना-बाना के प्रभावित करे के क्षमता बना लिहले बाड़न. एकर झलक रउआ एहिजा होखे वाला छठ के परब के देख के मिल जाई. बिहार में जे तरह से छठ मनावल जाला, ओकरा से कही जादा धूम-धाम से दिल्ली में छठ पूजा होखेला. छठ के दिने होखे वाला सांस्कृतिक कार्यक्रमन के मंच प उपस्थिति दर्ज करावे खातिर एहिजा के राजनीतिक दलन के बड़-बड़ नेता में होड़ लागल रहेला. छठ के शुभकामना लिखल पोस्टर आ बैनर से पूरा दिल्ली पट जाला. चुनाव के दिनन में बिहार से राजनीतिक दल आपन कार्यकर्ता बोलावेलन आ कहेलन की ऊ लोग आपन रिस्तेदारन के इहां जाके ओहिजा पार्टी के पक्ष में माहौल बनावे लोग. पिछला दिल्ली विधानसभा के चुनाव में त बिहार के तत्कालिन प्रदेश अध्यक्ष राधामोहन सिंह (अपना कुनबा के साथे) त दिल्ली में आके पुरबिया वोट के भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण करे खातिर बजाप्ते कैंप कइले रहन. बाकिर बिहार आ पूर्वांचली लोगन के विधानसभा में पार्टी के ओर से समुचित टिकट ना मिलला के कारन दिल्ली में रहे वाला पुरबिया भाजपा से नाराज हो गइल रहन. दिल्ली के किराड़ी विधानसभा (जीत के लिहाज से सी ग्रेड) सीट से अनिल झा(पूर्वांचली चेहरा) के टीकट देके भाजपा पुरबियन आ भोजपुरियन के प्रति आपन कर्तव्यन के इतिश्री क लेले रहे. हालांकि एह सीट प अनिल झा पूर्वांचल आ भोजपुरी के नाम प जीत गइलन. बाकिर बाकी जगह भाजपा के हार के सामना करे के पड़ल रहे. हारला के बाद भाजपा के ई एहसास भइल कि बिहार-पूर्वांचल के लोगन के अनदेखा क के ऊ आपन जनाधार दिल्ली में नइखे बढ़ा सकत. ठीक एही तरह बिहार-पूर्वांचल के लोगन के दिल्ली प बोझ बतावेवाली दिल्ली के मुख्यमंत्री शीला दीक्षितो पुरबिया बोल बोले लगली आ दिल्ली में भोजपुरी-मैथिली अकादमी के स्थापना तक करा दिहली. अब भोजपुरी के संस्थागत रूप में देवे में भोजपुरी अकादमी जी-जान से लागल बा.
कहे के मतलब ई बा कि भोजपुरिया लोग आपन मेहनत आ काज के प्रति समर्पण के चलते आज दिल्ली में आपन झंडा गाड़ रहल बाड़न. त बाकी देश आ विदेश में रहे वाला भोजपुरियनो के चाहीं कि ऊ एही तरह से आपन झंडा सब जगह फहरावस आ आपन देश आ आपन माटी के नाम रौशन करस.
अउर एकरा खातिर आज से ना अबहीं से एगो संकल्प ले लेस की ऊ आपन भोजपुरी भाइयन के बीच में भोजपुरिए में बात करीहें, चाहे ऊ बस में जात होखस चाहे हवाई जहाज में. एह जगहा प हम स्व. श्रीराम शर्मा जी के कहल एगो बात कह के रउआ सब से विदा लेहब –
हमनी के बदलब जा, त जुग बदली.
हमनी के सुधरब जा, त जुग सुधरी..
अगिला हफ्ता एगो अउर चरचा के लेके आइब, तब तक खातिर अलविदा
राउर
आशुतोष कुमार सिंह
(संपर्क-bhojpuriamashal@gmail.com)
भोजपुरिया मशाल के नाम से ई कॉलम बिहारी खबर साप्ताहिक पत्र में छप रहल बा.
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