दिल्ली में भोजपुरी नाट्य महोत्सव के रंग

– ओमप्रकाश अमृतांशु

mahoysavसंस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से २६ अक्टूबर से ३० अक्टूबर ले चले वाला भोजपुरी नाट्य महोत्सव के श्रीगणेश भइल. भोजपुरी इतिहास में एगो अउरी अध्याय जुड़ गइल.

महोत्सव के पहिलका दिन महेन्द्र प्रसाद सिंह के लिखल आ उनके र्निदेशन में नाटक “बिरजू के बिआह” के मंचन बहुते सफल आ सार्थक रहल. पूर्वा संस्कृति केन्द, दिल्ली में सभे भोजपुरी भाव में डूबत नजर आइल. पांच दिन के ई भोजपुरी नाट्य महोत्सव कवनो लोक परब से कम नइखे. नाटक के मुख्य अतिथि रहलन उदय प्रताप सिंह,(पूर्व प्रबंध निदेशक बोकारो स्टील प्लांट), आ विशिष्ट अतिथि रहलन रामनरायण दूबे, (मेयर पूर्वी दिल्ली).

रंगश्री के बैनर तले बिरजू के बिआह एगो अपने गाँव-समाज प आधरित नाटक बा. एगो गरीब खेतिहर मजदूर के कहानी दमदार आ दहेज के विरोध में खड़ा बा. आज के समय से जुड़ल नाटक इहे कहऽता कि दहेज लीहल आ दीहल दूनो गुनाह ह. दहेज जइसन राक्षसी प्रथा के मिटावे खातिर आज के नौजवानन के आगे आवे के जरुरतो बतवलसि ई नाटक.

कुल मिला के ई नाटक रीति-रिवाज, परम्परा के तुड़त-फानत आज के समय के साथे खड़ा बा.

महोत्सव के कार्यक्रम एह तरह से बा –
२६ अक्टूबर – बिरजू के बिआह- पूर्वा संस्कृति केन्द, लक्ष्मीनगर, दिल्ली
२७ अक्टूबर – कचोट – पूर्वा संस्कृति केन्द, लक्ष्मीनगर, दिल्ली
२८ अक्टूबर – दरोगा जी वाह वाह -मुक्तधरा ऑडिटोरियम , गोल मार्केट, नई दिल्ली
२९ अक्टूबर – सोना – एल. टी. जी. ऑडिटोरियम, मंडी हाउस, नई दिल्ली
३० अक्टूबर – लुटकी बाबा के रामलीला – एल. टी. जी. ऑडिटोरियम, मंडी हाउस, नई दिल्ली

2 Comments

  1. omprakash amritanshu

    भोजपुरी के भाव में बोराइल भोजपुरी नाट्य महोत्सव के शत -शत सलाम।

  2. Mahendra Prasad Singh

    रंगश्री द्वारा प्रस्तुत कल के नाटक “दारोगा जी वाह वाह” देखे खातिर मशहूर हिन्दी कवि कुमार विश्वास मुक्तधारा पहुचले.

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