पूरा उत्तर भारत में कड़ाका के ठंढ पड़ रहल बा आ मरे वाला लोगन के गिनती बढ़ल जात बा. सरकार के निर्देश बा कि ठंढ से केहू के जान मति जाव आ अगर जान गइल त उपजिलाधिकारी के जिम्मेदार ठहरावल जाई. स्वाभाविक बा कि प्रशासन के पूरा कोशिश रही कि मौत के कुछ दोसरे कारण बतावल जाव. उत्तर प्रदेश के हर तहसील के एक एक लाख रुपिया भेज दिहल गइल बा कउरा फूंके खातिर आ गरीबन में कंबल बाँटे खातिर. वइसे अखबारन के बाति मानीं त काल्हु ले यूपी में छियासी आदमी के जान जा चुकल बा. कहल जा रहल बा कि ठंढक आपन पिछला पचहत्तर साल के रिकार्ड तूड़ दिहले बा. हवा में बलन बहुते बेसी बा. खबर लिखतो घरी हाथ गोड़ कठुआइल जा रहल बा. बिहारो में ठंढ के अइसने प्रकोप बा.
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