छियासी साल का अपना इतिहास में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के गणवेश में तिसरका बदलाव होखे जा रहल बा, अबले चमड़ा के एगो चौड़ा बेल्ट खाकी पैन्ट पर लागत रहुवे जवना के हटा के अब कृत्रिम बेल्ट पहिरल जाई. बदलाव के पीछे के कारण बतावत संघ के कहना बा कि ऊ बेल्ट कानपुर के एगो अकेला कंपनी सप्लाई करत रहुवे आ कई बेर सप्लाई में दिक्कत होखत रहुवे. एके कंपनी से बेल्ट खरीदे का पाछा के मजबूरी ई रहे कि बेल्ट कवनो वध कइल जानवर के चमड़ा से ना बनावल जात रहुवे. बाकिर संघ के कुछ स्वंयसेवकन के, खास कर के जैन समुदाय के, एहसे कुछ दिक्कत रहुवे.अब सिंथेटिक बेल्ट के अनुमति दे दिहल गइल बा. संघ के गणवेश में करिया टोपी, उज्जर शर्ट, बेल्ट, खाकी पैन्ट, खाकी मोजा, आ करिया जूता रही. हाथ में लाठी त असल पहिचाह हइये ह.
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