मोहब्बत की अकीदत को बदलती है “ले के आजा बैंड बाजा ए पवन राजा” फिल्म

khyati
किसी भी फिल्मकार को फिल्म बनाते समय इस बात का खाश ख्याल रखना चाहिये कि फिल्म की शान ए शौकत के साथ साथ स्क्रीप्ट रुपी रसूख भी बचाये रखा जाये. कोशिश यह भी की जाने चाहिये कि किरदारों की परस्पर वफादारी और निर्भरता को भी आंच ना आये. कारपोरेट कंपनी क्रिस एक्जींप प्राईवेट लिमिटेड की जल्द प्रदर्शित होने वाली भोजपुरी फिल्म ‘ले के आजा बैंड बाजा ए पवन राजा’ मोहब्बत की अकीदत को बदलती है और फिर साजिश,धोखेबाजी और चुहलबाजी के साथ हास्य और संगीत को लेकर फिल्म का जायका बनाती है.

इस फिल्म में नायक पवन सिंह की नायिका हैं ख्याति जैसी मंजी मगर भोजपुरी के लिये नयी नवेली तारिका. दिनेश यादव निर्देशित और मनोज टाईगर लिखित इस भोजपुरी फिल्म ‘ले के आजा बैंड बाजा..’ में खेत खलिहान के साथ साथ पारंपरिक गीत संगीत की दुनिया रची बसी है. जिसमें आधुनिक समाज के भ्रष्ट आचरण और व्यवहार भी शामिल किया गया है.

फिल्म के निर्माता हैं पवन सिंह और क्रिस एक्जींप प्राईवेट लिमिटेड, जबकि सहयोगी निर्माता हैं मनोज टाईगर. संगीत मधुकर आनंद का, गीत प्यारे लाल यादव, अरविन्द तिवारी, जाहिद अख्तर और आर.आर.पंकज का, नृत्य निर्देशक हैं कानू मुखर्जी और संपादक हैं गुरजीत सिंह, कला अवधेश राय का है. फिल्म के कैमरामैन हैं नीतू इकबाल सिंह. जबरदस्त मारधाड़ से भरी इस फिल्म के मारधाड़ निर्देशक हैं बाजी राव. इस फिल्म में भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह के साथ साथ ख्याति, संजय पांडे, सीमा सिंह, मनोज टाईगर, अनुप अरोड़ा, दिलीप सिंहा, करण पांडे, विनोद मिश्रा ,सोनिया मिश्रा, अनुप अरोड़ा, रुपा सिंह,दीपू सिंह चौहान, उत्तम मिश्रा , सनी सिंह , दिनेश यादव और संभावना सेठ की मुख्य भुमिका है .

इस फिल्म में दिनेश यादव ने एक फंताशी दुनिया रची है और शब्दो में भोजपुरी की नजाकत को बांध दिया है. इस फिल्म में सांस्कृतिक विषेशतायें हैं तो छल प्रपंच और झुठ फरेब की आधुनिक विसंगतियां भी हैं. फिल्म देखते समय आपको यकीनन लगेगा कि यह फिल्म वक्त को रोक देती है. नायक पवन सिंह और नािका ख्याति की खुबसुरती और चुहलकदमी तथा छेड़छाड़ और कर्णप्रिय गीत संगीत इस फिल्म की जान हैं.

ख्याति की खुबसुरती और अदायें फिल्म में छटा बिखेरती हैं. ख्याति के नृत्य कौशल और चपलता का निर्देशक ने सुंदर इस्तेमाल किया है. नायक और नायिका के लिबास और लुक पर नया प्रयोग किया गया है. इस फिल्म को पुरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है.


(शशिकांत सिंह)

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