चाचा के चुम्बकीय चरित्र
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– अंजोरिया डेस्क
#चाचा-नेहरु #भारत-नेपाल-विलय
चाचा के चुम्बकीय चरित्र अइसन रहल बा कि ओकरा पर कुछऊ फेंकी – अक्षत चन्नन भा कूड़ा कबाड़ – जा के चिपक जाला. भारत के पहिलका आ सबले बेसी दिन ले भारत के प्रधानमंत्री रहल पण्डित जवाहर लाल नेहरू के चरित्र का बारे में तरह तरह के चरचा होखत आइल बा. दिल फेंक आशिक जइसन होखो, पीएम के कुर्सी पावे ला देश के बँटवारा करावे के अछरंग, कश्मीर समस्या के अन्तर्राष्ट्रीय बनावे के आरोप, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी सदस्यता लेबे से इंकार, वगैरह वगैरह बहुते आरोप लगावल जात रहल बा उनुका प. कुछ साँच होला, कुछ साँच जइसन लागेला, आ कुछ के लोग साँच मान लेला.
आजुकाल्हु जब नेपाल के चरचा खबरन में बनल बा ओह समय तरह तरह के अउरी नया पुरान खबर उधियाए लागेली सँ. एही दौरान एगो खबर उछालल जा रहल बा कि आजादी का बाद नेपाल के राजा विक्रम शाह चहले रहलन कि नेपाल के विलय भारत में हो जाव बाकिर चाचा नेहरू एकरा ला तइयार ना भइलन. वइसे एह बात के कवनो पुख्ता प्रमाण नइखे मिलत सिवाय भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के लिखल किताब में एकर जिक्र होखे के बात के.
एह लेख का साथे जवन फोटो दे रहल बानी तवन नेपाल के हनुमान ढोका के हवे जहवां पुरनका समय में नेपाल के राजा लोग के राजतिलक होखल करे.
अब आईं नेपाल के भारत में विलय के प्रस्ताव का बारे में कुछ चरचा क लीहल जाव.
साल 1947 से पहिले जब नेपाल पर शाह राजवंश के शासन रहल नेपाल अपना संप्रभुता ले के बहुते सचेत रहत रहुवे. ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान भा चीन के क्विंग शासन का दौरान नेपाल एकर सफल प्रतिरोध कइले रहल. बरीस 1814 से 1816 का दौरान चलल एंग्लो-नेपाल युद्ध का बाद सुगौली समझौता भइल रहल. एह समझौता का चलते नेपाल के भूभाग त कम हो गइल बाकिर ओकर स्वतंत्रता बनल रह गइल रहुवे.
साल 1947 में जब भारत से ब्रिटिश शासन के खात्मा भइल तवना समय अइसनका कवनो आधिकारिक प्रस्ताव ना आइल रहल नेपाल का तरफ से कि ऊ भारत में विलय चाहत बा. बाकिर राणा का शासन में नेपाल आन्तरिक अशांति का दौर से गुजरत रहल, राजशाही कमजोर पड़ गइल रहल, आ लोकतांत्रिक आन्दोलन जोर पकड़त रही सँ. बरीस 1950 में राणा शासन का खिलाफ राजा त्रिभुवन के प्रयासन के भारत का तरफ से समर्थन मिलल आ बरीस 1950 में शांति आ मित्रता खातिर भारत नेपाल संधि पर हस्ताक्षर भइल. एह संधि से भारत आ नेपाल बहुत बढ़िया राजनीतिक आर्थिक आ सुरक्षा संबंध बन गइल बाकिर ई विलय से कोसो दूर के बात रहल.
हँ एह दौरान नेपाल के कुछ राजनेता आ बुद्धिजीवि जरुर चाहत रहलें कि नेपाल के विलय भारत में करा दीहल जाव. अइसनके एगो विलय बरीस 1975 में भइल जब सिक्किम भारत में शामिल हो गइल. जवाहर लाल नेहरू के स्पष्ट विचार रहल कि नेपाल एगो स्वतंत्र राष्ट्र हवे आ ओकरा स्वतंत्रे रहे के चाहीं. नेहरू शायद इहो सोचत होखिहन कि भारत आ चीन का बीच में पड़ेवाला नेपाल एगो बढ़िया बफर देश का तरह बनल रहे.
बाद के साठ आ सत्तर के दशक में राजा महेन्द्र आ राजा बीरेन्द्र नेपाल के गुटनिरपेक्षता आ स्वतंत्र संप्रभुता के रेघरियवलन. नेपाल एह बीच बरीस 1955 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश बन चुकल रहुवे.
एकरा बावजूद चाचा नेहरू पर नेपाल के विलय भारत में ना होखे देवे के अछरंग लगावल जा रहल बा आ हमेशा का तरह चाचा के चुंबकीय चरित्र पर ई निकहा चिपकल जा रहल बा. एह दौरान टटका खबर ई बा कि नेपाल के राष्ट्रपति का निर्देश पर सेना नेपाल के नियन्त्रण अपना हाथ में ले लिहले बिया आ पूरा देश पर कर्फ्यू लगावत देशवासियन से आग्रह करत बिया कि शांति बनवले राखल जाव आ मिल बइठ के नेपाल के समस्यन के समाधानन के राह निकालल जाव.
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