आभासी हिन्दू – सबले बड़हन समस्या
– टीम अंजोरिया
#आभासी-हिन्दू #crypto-Hindu
आजु के लेख के मथैला एगो विवादास्पद मुद्दा पर बा. बाकिर केकरा ला विवादास्पद एह पर बहस हो सकेला. हिन्दूवन खातिर त एह पर कवनो विवाद ना होखे केे चाहीं काहेंं कि आभासी हिन्दू हिन्दुवन के सबले बड़का दुश्मन हउवेें सेे भितरघात करेलेें. जे ट्राजन घोड़ा का तरह हिन्दुस्तान का किला का भीतर घुस आइल बाड़ेें आ हिन्दुस्तान केे छिन्न विछिन्न करेे मेें लागल बाड़ेें.
अब आगे बढ़ला से पहिले अगर आभासी हिन्दू के परिभाषित कर लीहल जाव त बढ़िया रही. आभासी माने जवना सेे कुछ दोसर होखेे के आभास होखेे. जइसेे कि आजु क्रिप्टो करेेंसी के चलन बहुते बढ़ गइल बा आ अनेसा जतावल जा सकेला कि अगर अइसने हालात बनल रहल त एक दिन आभासी मुद्रे असली मुद्रा हो जाई जवना के कवनो आधार नइखे, जवना केे कवनो नियम कानून में बान्हल ना जा सके.
आभासी हिन्दू ऊ हउवेें जेे हिन्दू धर्म में आस्था ना राखसु आ आपन रिलीजन बदल चुकल बाड़न. बाकिर समाज में समरस केे आभास देबे खातिर ऊ उपर सेे हिन्दूवेे होखे के आभास देलें. एह आभासी हिन्दूवन के नाम आ रहन सहन पहिला नजर मेें हिन्दूवेे जइसन लागेला. बस ऊ हिन्दू धार्मिक आस्था ना राखसु आ अपना रिलीजन केे पालन करेेलेें. आ रिलीजन बदलला का बावजूद ई आभासी हिन्दू अपना के आरक्षण के हकदार बनवलेे राखल चाहेंलेे. आ एह तरह से ई क्रिप्टो हिन्दू – आभासी हिन्दू – हिन्दू दलितन, पिछड़ा, आ आदिवासियन केे हक मारेे केे दुष्चक्र में शामिल बाड़ेें.
हालांकि एक जमाना उहो देखला बा हिन्दू समाज जब मुगल काल में कुछ लोग आपन धार्मिक रीतिरिवाज लुका छिपा केे पूरा करत रहलें आ तब ऊ आभासी हिन्दू ना होके आभासी गैैरहिन्दू होखत रहलें.
जरुरत बा कि एह आभासी हिन्दूवन केे वास्तविकता सामने लेे आवल जाव आ सरकार हिन्दू दलित, पिछड़ा, आ आदिवासी समाज के हक के सुरक्षा करेे खातिर एह आभासी हिन्दूवन के आरक्षण सुविधा सेे वंचित करे. काहेे कि आरक्षण केे न्यायोचित ठहरावेे खातिर कहल जाला कि हिन्दू समाज में दलित-पिछड़ा-आदिवासियन के गैर बराबरी के सामना करे के पड़ेला. आ एही तर्क का आधार पर दोसर रिलीजन माने वाला लोगन केे एह आरक्षण के सुविधा ना मिले के चाहीं काहें कि ओह लोग के नयका रिलीजन में एह तरह के असमानता के कवनो अस्तित्व ना होखे.
सरकार केे इहो देखे के चाहीं कि हर रिलीजन के बराबरी का नजरिया से देखल जाव. ई ना कि जहवां हिन्दू अल्पसंख्यक बाड़ें ओहिजो ओह लोग केे ऊ संरक्षण आ सुविधा ना मिल पावेे जवना संविधान में अल्पसंख्यकन के अधिकार मेें बनावल गइल बा. हर वयक्ति अपना रिलीजन केे सार्वजनिक रूप से सकारेे आ ओकरा लुका छिपा केे ना रहेे के पड़ेे. पहिला नजर मेें त ई लाग सकेेला कि ई आभासी हिन्दू अपना सुरक्षा खातिर आभासी हिन्दू वाला आवरण धइले रहेेलेें. बाकिर असल कारण ई बा कि ई आभासी हिन्दू हिन्दू समाज में ट्राजन घोड़ा का तरह हउवें आ हिन्दूवन के नुकसान करेे खातिर भितरघात के सुविधा के लाभ उठावेे ला भीतर सेे हिन्दू समाज के कमजोर कर सकसु.
आखिर में हिन्दुवन से निहोरा बा कि आपस मेेंं भाईचारा बनवलेे राखल जाव. केहू कवनो जाति कवनो भाषा कवनो प्रान्त केे हो सकेला. बाकिर हर हिन्दू हिन्दू होला ओकरा के दलित-पिछड़ा-आदिवासी आदि वर्गन मेें विभाजित करे के काम हिन्दू विरोधियन के हवे.
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