भोजपुरी सिनेमा हमरा खातिर संघर्ष के प्रेरणा ह मनोज तिवारी

मनोज तिवारी के अभिनय आ गायन में संवेदना के सागर हिलोर मारेला. प्रेम, सौंदर्य, अवसाद, मिलन, बिछोह, रुसवाई, आ बेवफाई के गहिरा अहसास से भरल उनका गीतन पर जब कवनो तस्वीर बनावल जाय त जिंदगीका मुश्किलन आ दुश्वारियन का बीचो भोजपुरी सिनेमा के मेगास्टार मनोज तिवारी ओहमें नया नया रंग भरत नजर आवे लागे लें. मनोज तिवारी के अभिनय आ गायन के जिनिगी के हजार हजार रंगन के ओकर खूबसूरती आ दर्द भरल लमहन के पकड़ लेबे के कलात्मक कोशिश का रुप में देखल जा सकेला. उनकर अदबी शख्सियत उनका के बाकी कलाकारन से बहुते अलगा राखेला आ नया आदर्शो हाजिर करेला. बचपन गाँव का मटिहल राह पर बीतल. महतारी के अभावन से जूझत देखलन, आ दिक्कत का बावजूद संगीत सीखलन.

अभिनय के पथरँवट जमीन आ संगीत का सौम्य सागर में एकसाथ विचरण कइल, सागर से उर्वरा बनावल आ मोतियो चुनल एके साथे करे का बात पर मनोज तिवारी कहलें कि ऊ दुनु का माध्यम से समाज के जगावल आ भोजपुरी भाषा के विकास चाहेलें. चाहेंले कि लोग भोजपुरी का तरफ समर्पित होखो आ शायद एहीसे उनका अभिनय आ गायन में संतुलन बनल रहेला.

ससुरा बड़ा पईसावाला से भोजपुरी सिनेमा के नया जिनिगी देबे वाला मनोज तिवारी नीति आ रणनीति में अझुराइल आज के भोजपुरी सिनेमा में फेर एगो नया सार्थक पहल करे जा रहल बाड़न. काहे कि उनका खातिर भोजपुरी सिनेमा समर्पण ना संघर्ष के प्रेरणा ह, भोजपरी सिनेमा के विकास का दिशाईं हरदम लागल रहे वाला मनोज तिवारी के फिल्मी किरदार अकसरहां प्रमचंद के रंगभूमि के सूरदास भा पूस के रात के हलाकू जइसन होखेला. अतना जटिल किरदार ऊ बड़ा सहज भाव से कर जालें काहे कि उनके कहलानुसार जवन आदमी गरीबी देखले आ जियले होखो ओकरा अभिनय में सहजता त होखहीं के बा.

संगीत के बात चलेला त मनोज तिवारी अपना बड़ भाई साधुशरन तिवारी के प्रति हमेशा नतमस्तक रहेलें. बतावेले कि अभाव का जिनिगी में बड़का भईया उनका के एगो सही राह देखवलें, इन्तजाम जुटवलें आ उनके आशीर्वाद से मनोज अपना स्वर साधना में तप गइलन. मनोज तिवारी अभिनय आ संगीत का दुनिया से परे दुनियादारियो में तेज हउवें. उनका प्रयास से मारीशस आ सूरीनाम में भोजपुरी के विकास खातिर कई गो समझौता भारत सरकार का साथे भइल बा. कहीं जालें कोशिश करेलें कि भोजपुरी खातिर कुछ करत रहस.

आज भोजपुरी सिनेमा के हर बड़का निर्माता, केसी बोकाडिया, अभय सिन्हा, दुर्गा प्रसाद, जितेश दूबे, आलोक कुमार, अशोक गुप्ता, महेश पाण्डे, बी सुब्बा रेड्डी, राकेश कोहली, संदीप शुक्ला समेत फ्रंटलाइन आ लियो वन प्रोडक्शन जइसन कार्पोरेटो, मनोज तिवारि के ले के फिल्म बना रहल बा. मनोज तिवारी बड़ा विनम्रता से कहेलें कि ऊ अपना निर्माता आ निर्देशक लोग के अपना परिवार का तरह देखेलें आ ओह लोग के सम्मान करेलें. कहेलें कि सबका मालूम बा कि मनोज तिवारी के विचार, सरोकार, आ चिंता के दायरा कतना व्यापक बा.


(स्रोत : शशिकांत सिंह)

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