भोजपुरी संगीत के नहले पे दहला में अबकी हफ्ता रविन्द्र जैन

महुआ टीवी पर चल रहल रियलिटी शो “नहले पे दहला” अब अपना मंजिल का तरफ तेजी से बढ़ रहल बा. आखिरी दू में चुनाये खातिर अब प्रतिभागियन के छह गो पड़ाव पार करे बा आ हर एपिसोड में दू दू गो पड़ाव आई. चार गो बाचल प्रतिभागियन में से केहू के अगिला तीन पड़ाव तक बाहर के राह ना देखावल जाई. अबकी हफ्ता खास मेहमान जज का रुप में मशहुर गायक रविन्द्र जैन मौजूद रहीहें.
एपिसोड के पहिला पड़ाव में महानतम गायकन के श्रद्धांजलि का तौर पर ओह लोग के गीत गावे के बा. शुरुआत लाडो कृतिका “हे गंगा मईया तोहे पियरि चढ़इबो” से करीहें. विकास के गाना रही “जल्दी जल्दी चला ए कहारा, सूरज डूबे रे नदिया”. आर्यनंदिनी गइहें “खाई के मगहिया पान ए राजा हमरि जान लेबऽ का”. आकाश के गाना होखी “गोरकी पतरकी रे”.
दोसरका पड़ाव में भोजपुरी लोक संगीत के जलवा रही जवना के शुरुआत खुद मनोज तिवारी करीहें “कुँआ के ठंढा पानी पीपल के छाँव” से करीहें. विकास गइहें “बागी बलिया वीरन के धरती, आगि जइसन बरेला” जवना पर पवन सिंह आ कल्पना स्टेज पर आ जइहें. सभे मिल के एह गाना के गाई. तब अइहें कृतिका लाडो जे “पूरब के पनिया खराब रे बिदेसिया” गावे. आकाश के गाना चइता के होखी “हे रामा कंठे सुरवा”. एह परफारमेंस में पवन सिंहो साथ देबे मंच पर आ जइहें आ बाद में धनंजय सिंह आ कल्पना खड़ा हो के आकाश के अभिवादन करीहें. आर्यनंदिनी के गाना रही “अँखिया से ढरके पिया ढर ढर पनिया” जवना के सुन के इमोशनल भइल कल्पना आ के आर्या के अँकवारी बान्ह लीहें.
एह एपिसोड के प्रसारण शनिचर १६ अप्रेल के कइल जाई.


(स्रोत – प्रशान्त निशान्त)

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