आ एह वरासत के गूंज सुनल जाई कल्पना पटवारी का आवाज में.
आसाम के लड़की भोजपुरी के लोकप्रिय गायिका कल्पना पटवारी ऊ काम कर देखवली जवना के कोशिश कबो कवनो दोसर गायक ना कइलन. कल्पना पटवारी के गावल गीत भिखारी ठाकुर के मूल गवनई के जस के तस परोसत बाड़ी सँ. जे भिखारीओ ठाकुर के सुनले बा आ कल्पना के एह नयका अलबम “दि लीगेसी आफ भिखारी ठाकुर” के सुनत बा ओकरा ई बात माने में इचिको हिचक नइखे होखत कि कल्पना भिखारी ठाकुर के गवनई से पूरा न्याय कइले बाड़ी. वइसे विशुद्धता वादी कह सकेलें कि एकाध जगहा कल्पना के उच्चारण जरूर गड़बड़ा गइल बा बाकिर एकर दोष हम कल्पना के ना देके ओकरा के देब जे एकर ट्रांसक्रिप्ट लिखले होखी.
भिखारी ठाकुर के जीवन के कहानीओ एह गीतन में मौजूद बा. उनुका जनम के कहानी, उनुका लड़िकाई के दिन, कइसे पाठशाला में मन ना लागल त भाग के बंगाल के मिदनापुर चहुँपले. फेर कइसे ओहिजा पेट पाले खातिर आपन पुश्तैनी धंधा, लोग के हजामत बनावल, शादी बियाह में नाई के जिम्मेदारी उठावल कइलें, आ एही बीच जब रामलीला आ बगाल के लोक नाटक जात्रा देखलें तब उनुका मन में एगो सपना जागल वइसने कुछ कर देखावे के. इहे सपना लिहले गाँवे लवटलें आ अपना दोस्त भगवान दास बनिया से अक्षर ज्ञान सीखलें जेहसे कि गोस्वामी तुलसीदास के रामचरित मानस पढ़ सकसु. जस जस पढ़त गइले राम में मन लागे लागल आ एक दिन जब अपना संगी साथियन के बिटोर कर के गांव मे पहिला बेर भोजपुरी में रामलीला के मंचन कइले त सगरी गाँव वाह वाह कर उठल. मंडली बनत गइल बाकिर देखते देखत नाच मंडली में बदल गइल. बाप महतारी के वर्जना रोक ना पवलसि भिखारी ठाकुर के आ ऊ चल दिहलें ओह राह पर जवना पर उनुकर सही मूल्याकन उनुका जिनिगी में त ना भइल बाकिर बाद में जरूर उनुका के भोजपुरी के शेक्सपियर के सम्मान दोसर केहू ना खुद दर्जन भर भाषा के ज्ञानी आ महान साहित्यकार पंडित राहुल सांस्कृतयायन दिहलें.
अब ओह महान भोजपुरिया लाल भिखारी ठाकुर के जीवनी आ रचना पेश करे के जीवट देखवले बाड़ी कल्पना पटवारी आ एह अलबम के गीत सुनला क बाद हम त इहे कहब कि कल्पना भिखारी ठाकुर के रचना से, उनका शैली से पूरा न्याय कइले बाड़ी. एह अलबम के संगीत आधुनिक होखला का बावजूद भिखारी ठाकुर के संगीत शैली के दोहरावत लागत बा. अलग बाति बा कि भिखारी ठाकुर के मर्दानी आवाज कल्पना पटवारी के आवाज में खोजल गलत होई. बाकिर हर भोजपुरी प्रेमी का घर मे एह अलबम के एगो कैसेट होखल जरूरी होखे के चाहीं आ ओहू लोग के जे भोजपुरी के बेंवत से सहमत नइखे. उहो लोग सुने कि भोजपुरी के मिठास कइसन होले.
एह अलबम के परिकल्पना खुद कल्पना पटवारी के बा. जे अपना आइकन भूपेन हजारिका के राह चलत भोजपुरी में वइसन आइकन खोजे निकलली त खोज आ के ठहरि गइल भिखारी ठाकुर पर. भोजपुरी में भिखारी ठाकुर ले बढ़ के कवनो लोक गायक नइखे भइल. जनता से जमीनी स्तर पर जुड़ल भिखारी ठाकुर जन भावना के, समाज के समस्या के जतना जियतार तरीका से पेश कइलन वइसन दोसर केहू ना कर पावल. एह जगहा महेन्दर मिसिर के नाम ना लिहल अन्याय हो जाई बाकिर महेन्दर मिसिर के रचना आ भिखारी ठाकुर के रचना अलगा अलगा स्तर पर बा. महेन्दर मिसिर जवन रचले तवन अपना प्रेम में ओकरा विरह में. भिखारी ठाकुर जवन रचलें तवन समाज के पीड़ा देख के, ओह पीड़ा के सहज समाधान खोजे का फेर में. एह मामिला में भिखारी ठाकुर के महत्व अतुलनीय हो जात बा.
कल्पना पटवारी के एह अलबम, “दि लीगेसी आफ भिखारी ठाकुर” के पिछला दिने लंदन में विश्व स्तरीय म्यूजिक कंपनी वर्जिन रिकार्ड्स, ईएमआई म्यूजिक का तरफ से रिलीज कइल गइल. दुनिया भर के म्यूजिक रिटेल आउटलेट, मॉल. आ प्लानेट एम के स्टोरन में बिकात एह अलबम के दाम एकसौ पंचानबे रुपिया राखल गइल बा. भोजपुरी के ई सबले महँग आडियो कैसेट अपना दाम से बेसी के वजन रखले बिया आ पूरा उमेद बा कि एह अलबम से भोजपुरी संगीत भोजपुरी के मौजूदा लोअर क्लास सर्किल से उपर उठि के मिडिल आ अपर क्लास ले आपन पहुँच बना ली.
भिखारी ठाकुर के रचना आ कल्पना पटवारी के आवाज के एह जुगलबंदी के सफलता खातिर अँजोरिया के हार्दिक शुभकामना बा.
– संपादक, अँजोरिया
बहुत -बहुत बधाई कल्पना जी के .कल्पना जी उ कर देखावली जे अभी तक न कइले रहे . अब भोजपुरी संगीत के इतिहास में कल्पना जी के नाम हमेशा गुंजत रही .
गीतकार –
ओ.पी.अमृतांशु