बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय

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✍️ – अंजोरिया डेस्क

#Dhankhad #धनखड़ #बिना-विचारे


कवि गिरधर कविराय के एगो दोहा हऽ –

बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय।
काम बिगाड़े आपनो, जग में होत हँसाय॥

हालांकि अइसनका गलती अकसरहां ओहू लोग से होला जे अपना के बहुते समझदार आ रणनीतिकार मानेला. संघ परिवार के सदस्य भाजपा का साथे अइसनका हमेशा होत रहेला.

आपन प्रभाव आ छाया बढ़ावे का चक्कर में भाजपा अइसनका लोगन के अपना साथे जोड़त रहेले जेकरा से ओकरा कुछ उमेद रहेला. भाजपा भुला जाले कि ऊ जतना उमेद करत बिया ओहसे अधिका उमेद ले के ई लोग भाजपा का साथे जुड़ेला.

इहो होला कि जब केहू के ओकरा औकात से बेसी मिल जाला त ओकरो भरम हो जाला कि ओकर औकात बहुते के बा आ ई जवन मिलल बा तवन ओह औकात से बहुते कम. से ऊ अउर चाहे लागेला, खुल के मांगे भा ना, मन ही मन खयाली पुलाव पकावे लागेला.

भाजपा के साथ जोड़ल अइसनका लोगन के कतार लमहर बा. अरुण शौरी, सुब्रह्मण्यम स्वामी, यशवन्त सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, सतपाल मलिक वगैरह का बाद अब एह सूची मे जवन नया नाम जुड़े जा रहल बा से बावे जगदीपजी धनखड़ के. एह सूची में कुछ अउरी चिरकुटन के नाम जोड़ल जा सकेला बाकिर ओहसे ओह चिरकुटन के दिमाग अउर चढ़ जाई.

हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्व सरमा, विदेश मंत्री एस.जय शंकर, हरदीप पुरी, वगैरह बहुते नाम अइसनो बा जे लोग संघ का पृष्ठभूमि से ना अइला का बावजूद राष्ट्रहित में बढ़िया काम कर रहल बाड़ें.

बाकिर आजु के एह लेख के जरुरत एहसे पड़ गइल कि भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप काल्हु अचके में अपना पद से इस्तीफा दे दिहलन. इस्तीफा में त स्वास्थ्य कारणन के हवाला दीहल गइल बा बाकिर दुनिया जानत बिया कि असल खेल कहींं कुछ अउर बा. टीवी चैनलन पर तरह तरह के अटकल लगावल जा रहल बा. आ कुछ समय पहिले जवन विपक्ष धनखड़ का खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ले आवे के जुगत में रहुवे से आजु धनखड़ के प्रशंसा करे में जुट गइल बा. ई लोग औह बैलून में अउरी हवा भरे में लाग गइल बा जवन बैलून पहिलहीं अपना औकात से बेसी फूल चुकल बा.

कहे खातिर त इहो कहल जा सकेला कि जबले ऊ भाजपा के मनमर्जी से काम कइलें तबले त उनुकर गुणगान होत रहल आ आजु अचानके उहे लोग इनकर निंदा करे लागल बा जे इनकर प्रशंसा करत अघात ना रहुवे. हमरा इयाद बा कि जनसंघ का जमाना में बलराज मधोक के प्रशंसक रहनी बाकिर जसहीं रेडियो पर खबर आइल कि उनुका के अध्यक्ष पद से हटा दीहल गइल बा तसहीं उनुकर सगरी समर्थक हवा हो गइलें गदहा के सींग का तरह. संघी मानसिकता के इहो खासियत हवे कि ऊ पूरा देश में गणेश जी के मूर्ति के दूध पिआवे लागेला. अगर आजु नरेन्द्र मोदी के हटावे के बात संघ कर देव त सगरी संघी बिना देर लगवले मोदी के आलोचक बन जइहें. कुछ लोग त आजुओ उनुकर विरोध करे से ना हिचकिचाव.

अब अतना भूमिका बान्ह लेला का बाद चलीं सोचल जाव कि जगदीप धनखड़ इस्तीफा दिहलें कि उनुका से कह दीहल गइल कि इस्तीफा लिख दऽ.इस्तीफा का बाद पीएम नरेन्द्र मोदी के ट्वीट एक त बहुते देर बाद आइल आ जब अइबो कइल त एक वाक्य में निपटा दिहलें. जे लोग between the lines पढ़े के आदी होला ऊ उहो पढ़ लेला जवन लिखाइले ना रहल.

अब एहमें तरह तरह के अटकल लगावल जा रहल बा. धनखड़ जी उपराष्ट्रपति से बन गइलन बाकिर उनुकर राजनीति करे के शौक उनुका के एह गति पर चहुँपा दिहलसि. वइसे ई सबकुछ अचके में नइखे भइल. बदले बदले मेरे सरकार नजर आते हैं, हमको बरबादी के आसार नजर आते हैं वाला हाल कुछ महीनन से लउकत रहल.

जस जस दिन बीतत जाई तस तस नया कहानी सोझा आवत रही. केहू कुछ कहत बा केहू कुछ. धनखड़ कई बेर सरकारी राय का सीमा से बाहर जा के बयानबाजी करत आइल रहलन. बाकिर सरकार ओकरा के महटियावत चल गइल. बाकिर न्यायाधीश, न्यायमूर्ति हम एह लोग के लिखबे ना करीं, यशवन्त वर्मा का खिलाफ आवे वाला महाभियोग प्रस्ताव सबले बड़ कारण नजर आ रहल बा. सरकार के इच्छा रहल कि ई प्रस्ताव लोकसभा में पहिले ले आवल जाव आ राज्यसभा में ओकरा बाद. जबकि धनखड़ के विचार रहुवे कि पहिले एकरा के राज्येसभा में ले आवल जाव. भाजपा के मालूमो ना भइल आ धनखड़ राज्यसभा के विपक्षी सदस्यन से महाभियोग प्रस्ताव लिखवा लीहलन. बाद मे जब भाजपा के पता चलल तब उहो अपना सांसदन से एह प्रस्ताव के समर्थन करवा दिहलसि. बाकिर राज्यसभा मे कुछ अउर खिचड़ी पकावे के तैयारी करत रहलन धनखड़.बतावल जात बा कि ऊ न्यायमूर्ति शेखर यादवो का खिलाफ महाभियोग ले आवे के इजाजत देबे वाला रहलन. जबकि न्यायमूर्ति शेखर यादव के एगो भाषण के मामला सुप्रीम कोर्ट का विचाराधीन बा. आ सरकार चाहत रहुवे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला आवे तक इन्तजार कइल जाव. न्यायमूर्ति शेखर यादव के सबले बड़हन अपराध ई बतावल जात बा कि ऊ काहे सही बात कहलन! कवनो न्यायाधीश सनातन भा हिन्दु धर्म के पक्ष में आपन राय कइसे बता सकेला!

ओकरा बाद जब राज्यसभा के कार्यवाही शुरु भइल त नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे लमहर भाषण देबे लगलन आ धनखड़ एकहू बेर उनुका के रोके के कोशिश ना कइल, मजबूरन सदन नेता जयप्रकाश नड्ढा के खुल के विरोध करे के पड़ल. आ बात कुछ अइसन बढ़ गइल कि शायद धनखड़ के कह दीहल गइल कि आपन इस्तीफा दे दऽ. इस्तीफा त ऊ दे दिहलन स्वास्थ्य का नाम पर. बाकिर कुछ दिन बाद उनुकर स्वास्थ्य के नजारा देखे ला तइयार रहीं सभे.

तकरीबन एक बरीस से भाजपा आपन अध्यक्ष चुने का उधेड़बुन में लागल बिया आ आजु ले तय नईखे कर सकल कि केकरा के अध्यक्ष बनावल जाय. कहल जात बा कि एह मुद्दा पर संघ आ भाजपा एकमत नइखन हो पावत. एही बीच अब नया समस्या आ गइल कि उपराष्ट्रपति के केकरा के बनावल जाव? तरह तरह के नाम सामने आइल शुरु हो गइल बा. राज्यसभा के मौजूदा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के नाम सबले जोरदार बतावल जात बा. बाकिर भाजपा अगर एह पद पर शशि थरुर के नाम सोझा कर देव त चकरइला के जरुरत ना पड़े के चाहीँ. बस थरुर एहला तइयार हो जासु!

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