बेंगन पर निर्भर बिहार केे चुनाव

बेंगन पर निर्भर बिहार केे चुनाव
frogs as deciding factors in bihar election

– टीम अंजोरिया

#बिहार-चुनाव #वोट-कटुआ

बिहार विधानसभा केे चुनाव बहुत हद लेे बेेंगन पर निर्भर बा. भोजपुरी मे मेढक केे बेेंग का नाम सेे जानल जाला आ ई बेेंग तरह तरह के साइज में मिलेले – बेंगची सेे लेे केे ढाबुस तक केे. खास करि के बरसात का मौसम में अचानके ढाबुस बेेंगन के टरटराहट सुने केे मिले लागेला जहवां कुछ दिन पहिले लेे ओहनी के मौजूदगी के कवनो संकेतो ना रहुवेे. असल मेें बेेंग असमतापी जीव होलेें. असमतापी मानेे कोल्ड ब्लडेेड जीव अपना शरीर के तापमान अपना से सम-ताप पर ना राख सकसु आ उनुका बाहर का तापमान का हिसाब सेे धूप भा छाँह में रहेे के पड़ेेला. बाकी मौसम मेें ई बेंग पाँक मेें लुकाइल रहेलेे आ जसही बरखा होखे लागेेला आ ई बहरी निकल केे टरटराइल शुरु कर देेलेे.

बिहार विधानसभा केे चुनाव होखेे जा रहल बा आ अनुकूल मौसम देेख ई बेेंग बाहर निकलल शुरु कर दिहलेे बाड़ेे स. कुछ बेेंगची (छोट बेेंग) एह गलतफहमी में बाड़न स कि ऊ ढाबुस (बुलफ्राग) हउवेे आ ऊ अपना एही गलतफहमी का हिसाब सेे हिस्सा मांगत बाड़न स. बाकिर देेबे वाला एह बेेंगन केे बेेंवत जानत बाड़ेें आ बेसी भाव देबे ला तइयार नइखन होखत. बाकिर उहो जानत बाड़ेे कि ई बेेंगची आपन भला कर सकसु भा ना दोसरा के भाला करेे केे औकात जरुर राखेलेे. अगर एह पाला सेे ओह पाला मेें कूद जा सँ त पलड़ा ओनिए के भारी हो सकेेला जेने ई कूदऽ स.

वइसेे आम भाषा में एहनी के वोटकटुआ पार्टियन का नाम सेे जानल जाला. आ एहनी के ताकत एह पर निर्भर होला कि ई कवना पार्टी के कतना वोट काट सकेलेें. गणित का भाषा मेें कहल जाव त ई शून्य का तरह होलेें. अगर ई बँवारी लागसु त बाद वाला अंक केे कवनो अन्तर ना पड़ेे बाकिर अगर दाहिनेे हो जा सँ त पिछला अंक केे भाव दस गुना हो जाला! आ इहेे एह वोटकटुआ पार्टियन केे ताकत होखेला.

अबहीं त चुनाव केे तारीख केेे घोषणा नइखे भइल एहसेे बहुत कुछ अबहीं अन्हारेे मेें बा. परचा दाखिल करेे का दिन लेे मोलतोल होखत रही बाकिर अटकर पचीसा लगावेे पर त कवनो रोक नइखेे. अब आईं एह पार्टियन केे चरचा एक एक कर केे कइल जाव.

राजग मेें शामिल चिराग पासवान केे रालोजपा अबहीं लेे ससपेेंस बना केे रखले बिया. त महागठबन्हन मेें शामिल मुकेेश सहनी आखिरी वक्त केनेे जइहन से बतावल मुश्किल बा. चिराग अपना केे मुख्यमंत्री देखल चाहत बाड़न त मुकेेश के डिमांड उपमुख्यमंत्री बनावेे तक केे बा. चिराग केे महागठबन्हन मेें मुख्यमंत्री होखे केे कवनो गुंजाइश नइखे त मुकेश के राजग मेें आ केे उपमुख्यमंत्री बने केे. हालांकि चुनाव परिणाम अगर त्रिशंकु आइल त एह दुनू जना केे बेेवहार का आ कइसन रही कहल ना जा सकेे.

औवैैसी केे एआईएमएम चाहत त बिया कि महागठबन्हन मेें ओकरा केे शामिल क लीहल जाव. बाकिर तेजस्वी आ राहुल के मानना बा कि मुसलमानन का सोझा दोसर कवनो विकल्प हइए नइखे. एह लोगन के झख मार के महागठबन्हन केे वोट देबहीं के बा. काहेे कि मुसलमानन भलहीं भाजपा समर्थित सरकारन का तरफ से मिलेे वाला हर सौगात लपकेे ला तइयार होखसु ओकरा केे वोट देबे केे कुफ्र कबो ना करीहें. हालांकि भाजपा आ संघ केे गलतफहमी पता ना कब आ कइसेे खतम होखी. ई लोग मुसलमानन से लगातार जूतियवला का बादो ओहनी केे चाटे ला तइयार लउकेेलेें. जहां ले ओवैैसी केे बात बा ऊ कबो भाजपा का साथेे ना जइहेें. आ एही भरोसेे उनुकर कहना बा कि मुसलमान जमात अगर हर सीट पर आपन उमीदवार दे देव महागबन्हन के खटिया खाड़ होखे मेें देेेर ना लागी.

प्रशान्त किशोर के पूरा कोशिश त एह पर बा कि ऊ बिहार केे केेजरीवाल बन जासु. आ इहे कोशिश उनुकर सबले बड़हन कमजोरी साबित हो सकेेला. काहेें कि केेजरीवाल के कारनामा उनुकर छवि अइसन खराब कर दिहलेे बा कि जेकरा पर केेजरीवाल बने केे अनेसा हो जाव ओकर लुटिया डूबल तय मानीं.

घर केे ना घाट के हो गइल लालू पुत्र तेजप्रताप के असर कतना आ कइसन पड़ी इहो बतावल मुश्किल बा. बाकिर लालू परिवार मेें कुछ ना कुछ खदकत जरूर बा. तेजप्रताप के त घरपरिवार सेे बेदखल करा दिहलन तेजस्वी बाकिर का रोहिणी आ मीसा केे समाधानो उनुक वश में बा? ई सवाल बड़हन बा. अगर टिकट बँटवारा मे मीसा आ रोहिणी के लागल कि ओह लोग के समर्थकन के अनदेखी होखत बा त ई लोग बागी बने भा ना तेेजस्वी के तेज कुछ मद्धिम जरुर कर दीहेें.

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