नेपाल के अन्तरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की
Interim PM of Nepal Sushila Kirki
– अंजोरिया डेस्क
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तीन दिन से चलत लमहर चर्चा के आजु अन्त हो गइल जब नेपाल के सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायमूर्ती रह चुकल श्रीमती सुशीला कार्की जी के नेपाल के अन्तरिम प्रधानमंत्री के किरिया धरा दीहल गइल.नेपाल के राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में एगो औपचारिक समारोह में नेपाल के राष्ट्रपति श्री रामचन्द्र पौडेल उनुका के प्रधानमंत्री पद के किरिया धरवलन. एह मौका पर उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सुरक्षा प्रमुख अउर राजनयिक समुदाय के सदस्यो मौजूद रहलें.
नेपाल के पहिलका महिला प्रधानमंत्री श्रीमती सुशीला कार्की के जनम 7 जून 1952 का दिने नेपाल के विराटनगर में भइल रहुवे. सात गो भाई-बहिनन में ऊ सबसे बड़ रहली. विराटनगर से कानून के शिक्षा पूरा कइला का बाद ऊ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालयो से कानूनी उपाधि ग्रहण कइली. साल 1979 में ऊ अपना कानूनी करियर शुरु कइले रही आ साल 2007 में ऊ वरिष्ठ अधिवक्ता बनल रही. भठियरपन आ अपराधियन का प्रति अपना कड़ा रुख खातिर सभकर प्रशंसा पाए वाली सुशीला किर्की 2016-17 में नेपाली सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ती रहली. भठियरपन का खिलाफ अपना रुख का चलते आम जनता से सम्मान अर्जित करे वाला कार्की पर कुछ निहितस्वार्थी लोग महाभियोगो ले आवे के कोशिश कइले रहल.
नेपाल के जेन जेड आन्दोलन का चलते भइल सत्ता परिवर्तन का बाद सुशीला कार्की के एह चलते चुनल गइल कि ऊ अपना निष्पक्ष गैर राजनीतिक आ भठियरपन विरोधी क्षवि वाली हई. आ उनुका नाम पर राष्ट्रपति, सेना, आ अन्दोलनकारी सभे सहमत हो गइल. हालांकि बीच में काठमांडू के मेयर बालेन शाह आ कुछ अउरो लोग का नाम पर चरचा चलावल गइल.
आशा बा कि नेपाल के अन्तरिम सरकार तेज गति से नेपाल में शान्ति आ कानून व्यस्था के लागू करवाई. जरुरी सेवा के शुरुआत हो जाई आ संस्थानन खातिर जनता के विश्वास के पुनर्स्थापना हो सकी. सरकार में व्याप्त भठियरपन का खिलाफ कार्रवाई तेजी से होखी जेहसे कि आन्दोलनकारियन एह सरकार पर भरोसा कर सकीहें. सरकार के रुपरेखा अबहीं साफ सामने नइखे आइल बाकिर उमेद बा कि ऊ सभका के साथ ले के चले के कोशिश करीहें. नेपाल में चुनावो जतना जल्दी करा लीहल जाव ओतने बढ़िया होखी. हालांकि अन्तरिम सरकार नेपाल के विदेश नीति में कवनो बड़हन बदलाव ना करी इहो मानल जात बा.
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक रहल सुशीला कार्की के शासनकाल में भारत नेपाल संबंधन के बढ़िया होखे के उमेदो कइल जा रहल बा. हालांकि ई सभ एह बात पर निर्भर रही कि आपसी समझ कतना गंभीरता से लीहल जाई.
कुछ लोगन के इहो कहना बा कि अन्तरिम सरकार कवनो बड़हन बदलाव कइला बिना कुछ दिन ला स्टेटस को बनवले राखी. ऊ ना चाही कि विदेश संबंधन में कवनो तरह के उथल पुथल होखे. भारत आ चीन के बीच के भौगोलिक स्थिति का चलते नेपाल के आपन महत्व बा. आ अन्तरिम सरकार पूरा कोशिश करी कि भारत आ चीन दुनू का सहयोग से नेपाल के पुनर्निमाण तेजी से हो सके.
कुछ लोग के सोच इहो बा कि नेपाल में एगो राजनीतिक राष्ट्रवाद के लहर उठ जाव. कुछ लोग इहो सोच रहल बा कि नेपाल कहीं फेर से हिन्दू राष्ट्र भा राजशाही का दिशाईं मत बढ़ जाव.
नेपाल के प्रधानमंत्री आ भारत के प्रधानमंत्री का बीच के समानता आ असमानतो के चरचा हो रहल बा. नेपाल में मोदी के छवि एगो साहसी आ सक्षम नेतृत्व वाली बा आ सुशीला कार्की के छविओ अइसने बा. मोदी के एगो लमहर राजनीतिक अनुभव जरुर कार्की का लगे नइखे काहें कि ऊ गैर राजनीतिक रहल बाड़ी. दुनू पीएम अपना मजबूत निर्णायक छवि खातिर जानल जालें. मोदी का साथे एगो प्रखर विमर्श वाला राष्ट्रवादी संगठन के समर्थन बा जवन कार्की ला लगे नइखे. कार्की का लगे अबहीं कवनो प्रशासनिक अनुभवो के कमी बा. मोदी के छवि हिन्दूवादी राष्ट्रवादी वाली बा जबकि कार्की के छवि तटस्थ गैरराजनीति व्यक्तित्व वाली बावे. कार्की सरकार जोखिम उठावे का स्थिति में नइखे.
ले देके इहे कहल जा सकेला कि नेपाल के अन्तरिम सरकार भारत का साथे संबंध ना बिगाड़ी आ विवाद वाली विषयन से दूरी बना के राखी. भारत अपना तरफ से नेपाल के स्थायित्व ला पूरा प्रयास करी काहे कि ई ओकरा स्वहित में बा.
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