दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे

– अंजोरिया डेस्क

#अमेरिका #ट्रम्प #टैरिफ #मोदी

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
maintain space for reconciliation

आजु बशीर बद्र के एगो नज्म के ईयाद आ गइल कि –

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
– बशीर बद्र

आजु खबर आइल बा कि अमेरिका के राष्ट्रपति भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगावे के एलान कर दिहलें. साथही धमकवले बाड़न कि एकरा ऊपर से जुर्मानो लगावल जाई कि भारत रूस से तेल आ आयुध काहे आयात कर रहल बा.

एक त सठियाइल ओपर से सनकाह! अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बारे में अगर एक वाक्य में बहुत कुछ कहे के मन होखो त इहे कहल जा सकेला कि – “एक त सठियाइल ओपर से सनकाह!” बाकिर अब उनुकर मुकाबला भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से होखल तय बा. इहो साठ के पार जा चुकल बाड़न बाकिर अबहीं ले सनकल नइखन. तीन बेर एगो गुजरात के मुख्यमंत्री आ तीन बेर भारत के प्रधानमंत्री होखला का बावजूद अबहीं ले उनुका अपना पर काबू बा. मोदी का बारे में कहल जाला कि ऊ कुछऊ तातल ना खासु. पहिले ओकरा से बढ़िया से सेरवा लेलें आ तब ओकरा के स्वाद ले ले के चबावेलें.

मेक अमेरिका ग्रेट अगेन से हमहन के कवनो उरेज नइखे बशर्ते उनुको एहसे शिकायत ना होखे के चाहीं कि भारत ‘राष्ट्र प्रथम’ के नारा ले के चलत बा. गइल जमाना जब खलील खाँ फाख्ता उड़ावत रहलन. अब ऊ सीधे बाज उड़ावे लागल बाड़न. अमेरिको के मालूम होखे के चाहीँ कि अबहीं ले ऊ भारत के दोस्ती देखलन काहे कि ऊ भारत से दोस्ती देखावत रहलन. बाकिर अब जब ऊ भारत से दुश्मनी निबाहे का राहे चल दिहले बाड़न त उनुको ईयाद राखे के चाहीं कि – रहरी रहरी चहेटे वाला के अपनहूं रहरी रहरी दउड़े पड़ेला!

ई कहानी हम पहिलहूं सुना चुकल बानी कि दू गो भाईयन में बँटवारा हो गइल रहल. एगो मांसाहारी रहल त दोसरका शाकाहारी. बाकिर आङन आ चुहानी अबहीं एकही रहुवे आ एक दिन ऊ दोसरका के थरिया में मीट खा लिहलसि. ई बात जानते ऊ भाई बिगड़ गइल. कहे लागल – तू हमरा थरिया में मीट खइलऽ हम तोहरा थरिया में गूह खाएब! ट्रम्प के शिकायत बा कि भारत के व्यापारिक नीति बहुते बज्जर बा जवना से अमेरिका निबट नइखे पावत.

अपना सोशल प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर उनुकर जवन पोस्ट आइल बा तवना में कहल गइल बा कि – “याद राखीं कि भारत हमनी के मित्र ह, बाकिर एने कई एक बरीसन से हमनी का ओकरा साथे बहुते कम व्यापार कर पवनी जा काहे कि भारत में टैरिफ बहुत ज्यादा बा, दुनिया में सबले बेसी, आ दुनिया के बाकी देशन का मुकाबिले भारत में बहुते कड़ेर आ खीस बरावे वाला गैर-मौद्रिक व्यापार बाधा बाड़ी सँ.”

अबहीं ट्रम्प के ई बयान बहुते टटका-टटका बा आ मोदी के आदत बा कि ऊ कुछऊ तातल ना छूवसु. देखल जाव कि भारत के प्रतिक्रिया का आ कइसन आवत बा. बाकिर जब अतना दिन ले अमेरिका भारत के दबाव में ना ले सकल त अब आँखि देखा के आपन काम बना ली एकर उमेद बहुते कम बा. अगर भारत अमेरिका से आयात कइल बन्द कर देव त थोड़-बहुत परेशानी आ सकेला. बाकिर दुनिया के बाकी देशन से बहुत हद ले ओकर आपूर्ति हासिल कइल जा सकेला. बाकिर का अमेरिको एह हालत में बा कि ऊ भारत से व्यापार बन्द क के गुजर-बसर कर ली? ट्रम्प के एह सनकाह नीति से अमेरिका के लोग बहुते परेशान होखे जा रहल बा. काहे कि ओह लोग के दिक्कत सहे के आदत नइखे. जबकि आम हिन्दुस्तानी त दिक्कते में पैदा होला, दिक्कते में सगरी जिनिगी गुजार लेला, आ आखिर में दिक्कते में प्रयाण कर जाला.

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