– अंजोरिया डेस्क
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रोवे के रहनी तले अँखिए खोदा गइल
Piyush Goyal on Trump tariff
काल्हु जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत से आयात होखे वाला सामानन पर टैरिफ आ ओकरा ऊपर से जुर्माना के एलान कइलन त सभकर नजर गड़ गइल आजु होखे वाला डेरिवेटिव एक्सपायरी पर. आजु जुलाई महीना के वायदा बाजार के सलटान के दिन रहुवे आ सलटान वाला दिने (option expiry day) वइसहूं बाजार में भारी हलचल होखे के गुंजाइश रहेला. से एक त कोढ़ ओह पर से खाज वाली कहावत साँच होखे के अनेसा बढ़ गइल रहुवे. आ एही चलते एह लेख के मथैला (title) लगा दिहनी कि – रोवहीं के रहे तबले अँखिए खोदा गइल! आ रोवे के बहाना मिल गइल.
भोजपुरी लिखे पढ़े वाला लोग के लागेला कि भोजपुरी बस गीत गवनई, किस्सा कहानी, कविता का कामे आवेला. बहुत हद ले रउरा सभे सहियो बानी काहें कि कवनो भाषा के मजगर बनावे में राज्याश्रय के बड़हन योगदान होखेला.हमनी के एकरा के बतियावे मे बेसी इस्तेमाल करेनी जा रोजी रोजगार में कम. आ जब ले भाषा भोजन के माध्यम ना बन सके तब ले ओकरा के ढेर दिन ले खींचल सहज ना होखे. पुरनका लोग जस जस घटल जाई तस तस भाषा भोजपुरी के ताकत कम होखत जाई. काहे कि नवहियन के मालूम बा कि भोजपुरी से कवनो रोजगार नइखे मिले वाला. नौकरी मिले में एकर कवनो योगदान नइखे होखे वाला. कुछ लोग के अध्यापक, प्राध्यापक, गायक, अभिनेता, फिलिमन के तकनीकि सलाहकारन के काम जरुर मिल जाला भोजपुरी से बाकिर ई ऊँट का मुँह में जीरा जस होला. एहसे भोजपुरी भाषा में दुनिया के पहिलका वेबसाइट होखला का नाते अंजोरिया डॉटकॉम (anjoria.com) एकरा के आपन जिम्मेदारी मानेला कि भोजपुरी के इस्तेमाल बढ़ावे के हर संभव कोशिश कइल जाव. भोजपुरी में समसामयिक विषयन पर चरचा होखे के चाहीं. रउरो सभे के चाहीं कि आपन प्रतिक्रिया देत रहीं. नीमन लागल कि बाउर, सहमत बानी कि असहमत ?
लवटल जाव आजु के मुद्दा पर.शेयर बाजार में ट्रम्प के टैरिफ के असर एह तरह से देखे के मिलल कि आजु के बाजार गिरावट का साथे खुलल. कुछ देर ले ई गिरावट बढ़त गइल बाकिर तबे मुनाफा काटे वाला लोग आ शार्ट कवरिंग करे वाला लोगन का चलते बाजार एगो बड़हन छलांगो लगवलसि. बहुते लोग के मौका मिलल होखी आपन सौदा काटे के बाकिर एह उछाल में बहुते लोग फॅसियो गइल होखी. कुछ लोग अइसनो होखी जे बाद में पछतात होखी कि काश हम फलां जगहा सौदा काट लिहले रहतीं, भा कर लिहले रहतीं त मुनाफा हो गइल रहीत. शेयर बाजार कवनो तर्क पर ना चले. एकरा चाल के अंदाजा लगावल मुश्किले ना असंभव होखेला. आ वायदा कारोबार में “आई आम चाहे जाई लबेदा” के सिद्धान्त रउरा के ढेर दिन ले सम्हार ना पाई. वायदा के ट्रेडिंग वइसने होखेला जइसे रउरा कवनो भीड़भाड़ वाला सड़क पर गाड़ी चलावत होखीं. पता ना कब के केने से आ जाई, कब पीछे वाला ठोकर मार दी, कब आगे वाला ब्रेक मार दी कुछ पता ना रहे. रउरा हर समय चौकन्ना रहे के पड़ेला.
बाजार पिछला कई हफ्ता से डेराइल सहमल चलत रहुवे काहे कि बाजार के अनिश्चितता पसंद ना आवे. कहे के त कहल जाला कि ‘अफवाह के साथ चलो, खबर पर निकल जाओ’ (buy the rumor sell the news) बाकिर एकरा के मानेला कतना लोग. त जब ट्रम्प के टैरिफ के एलान हो गइल त बाजार के मालूम हो गइल कि, ‘देखना है जोर कितना बाजुए कातिल मे है’.
खुशी के बात बा कि भारत सरकार अमेरिका के धमकी से डेराए वाला नइखे. आजु लोकसभा में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अपना भाषण में साफ कह दिहलन कि भारत उहे करी जवन ओकरा फायदा में होखी. देखल जाव कि हर बात से पलट जाए वाला ट्रम्प अपना धमकी से कब पलटत बाड़न. तिकवले रहीं. तब ले पीयूष गोयल के भाषण आ ओहपर एगो चैनल के प्रतिक्रियो सुन लीं –
अपना एगो लेख में लिखले रहनी कि, “यूएस के मिताई से जुदाई भल” ओकरो के एक बेर पढ़ लीं अगर पहिले ना पढ़ले होखीं त.
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