मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान
Special Intensive Revision of Electoral Rolls
– टीम अंजोरिया
#मतदाता-सूची #गहन-पुनरीक्षण #चुनाव आयोग

एह घरी देश के बारह गो राज्यन में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) चल रहल बा आ एकरा के लेके बहुते लोग बहुते परेशान बा. मतदाता के बात छोड़ दीं बूथ लेवल वर्करों परेशान बाड़ें. उनुको ठीक से पता नइखे कि केकरा मामला में का करे के बा? कागजात कब माँगे के बा? कवन कागजात केकरा से माँगे के बा? वगैरह. इहे सब लेके आजु के ई लेख रउरा सभे का सोझा परोस रहल बानी, अंंजोर कर रहल बानी. उमेद बा कि रउरा सभे के कुछ ना कुछ सहायता ई लेख पढ़ला का बाद हो जाई.
पिछला बेर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दौरान जब मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान चलत रहुवे तब एगो लेख लिखले रहीं. ओह दौरान बहुते लोग सुप्रीम कोर्ट में आपन आपन गोहार ले के चहुँपल रहल बाकिर ओह लोग के ऊ राहत ना मिल पावल जवना के आस ऊ लोग सुप्रीम कोर्ट से लगवले रहल.
अब सवाल बहुत कुछ साफ हो चुकल बा. चुनाव आयोग के मंशा इहे बा कि कवनो जायज वोटर छूटे ना आ कवनो गलत नाम जुड़े ना! मतदाता उहे हो सकेला जे भारत के नागरिक होखे आ जेकर उमिर 18 बरीस भा ओह ले बेसी होखे. चुनाव आयोग केहू के नागरिकता तय ना कर सके. ई काम भारत सरकार के गृह मंत्रालय का जिम्मे होला आ एकरा खातिर कुछ स्पष्ट कानून बाड़ी सँ. जइसे कि जेकर जनम भारत का धरती पर 1 जुलाई 1987 से पहिले होखल बा ऊ देश के नागरिक होखी. बाद में एह नियम में कुछ बदलाव क दीहल गइल आ 1 जुलाई 1987 का बाद जनमल हर ऊ लोग भारत के नागरिक मान लीहल गइल जिनकर माता भा पिता भारत के नागरिक रहलें. एहू नियम में कुछ बदलाव कर के क दीहल गइल कि भारत के नागरिक होखे खातिर भारत में जनमला का साथही ओकर माता आ पिता दुनू के भारत के नागरिक होखल जरूरी बा.
एही चलते चुनाव आयोग प्रमाणपत्रन के जवन समूह मांग रहल बा तवन तीनो तरह के लोगन ला अलग अलग राखल गइल बा.
1 1 जुलाई 1987 से पहिले जनमल लोग के आपन जन्म तारीख आ जगह दुनू प्रमाणित करे के बा.
2 1 जुलाई 1987 से ले के 1 दिसम्बर 2004 का बीचे जनमल लोग के आपन प्रमाण त देबहीं के बा साथ ही साथ अपना पिता भा माता में से कम से कम एक आदमी के प्रमाण दीहल जरुरू बा.
3 बाकिर 2 दिसम्बर 2004 का बाद जनमल लोग के आपन आ अपना माता पिता दुनू के प्रमाण पत्र देबे के बा.
एकरा बाद एगो बड़हन कट ऑफ राखल गइल बा बरीस 2003 के मतदाता सूची के.
अब आईं समुझल जाव कि केकरा कवन प्रमाणपत्र देबे के बा. :
1. जिनकर नाम 2003 वाला मतदाता सूची में बा आ जिनकर जनम तिथि 1 जुलाई 1987 से पहिले के बा उनुका बस आपन जन्म तिथि आ जन्म स्थान के प्रमाणपत्र देबे के बा.
2. जिनकर नाम 2003 वाला मतदाता सूची में त बा बाकिर जिनकर जनम तिथि 1 जुलाई 1987 से बाद के आ 1 दिसम्बर 2004 के बीच के बा उनुका आपन जन्म तिथि आ जन्म स्थान के प्रमाणपत्र देबे का साथ ही अपना पिता भा माता भा दादा भा दादी के नागरिकता प्रमाणित करे के पड़ी. अगर ओह लोग के नाम 2003 के मतदाता सूची में बा उनुका कवनो परेशानी नइखे होखे वाला. बस ओह मतदाता सूची के फोटो कॉपी देबे के पड़ी. बाकिर अगर माता पिता दादा दादी में से केहू के नाम 2003 वाला मतदाता सूची मे नइखे उनुका ल बहुते परेशानी होखे वाला बा आ उनुका नीचे दीहल प्रमाण पत्रन में से कवनो एगो प्रमाण पेश करे के पड़ी.
3. जिनकर नाम 2003 के मतदाता सूची में नइखे आ जिनकर जनम तिथि 1 दिसम्बर 2004 के बाद के बा उनुका अपना प्रमाण का साथही अपना माता आ पिता दुनू के प्रमाण पेश करे के पड़ी.
अब आईं जानल जाव कि चुनाव आयोग कवना प्रमाणपत्र के मान्यता दे रहल बा. आयोग के कहना बा कि आधार कार्ड, राशन कार्ड आ वोटर आईडी कार्ड उनुका नागरिकता के प्रमाण ना मानल जाई. ई सब बस पहचान के प्रमाण हईं सँ.
प्रमाण का तौर पर पेश करे लायक प्रमाणपत्रन के सूची –
नीचे दीहल 11 गो में से कवनो एकहू प्रमाण पत्र मिल जाव त काम हो जाई.
1. केन्द्र सरकार / राज्य सरकार / पब्लिक सेक्टर यूनिट का तरफ से जारी पहचान पत्र/पेंशन आदेश.
2. सरकार/स्थानीय निकाय/बैंक/पोस्ट आफिस/जीवन बीमा/पब्लिक सेक्टर यूनिट का तरफ से 1 जुलाई 1987 से पहिले के जारी कवनो पहचान पत्र भा प्रमाणपत्र.
3. सक्षम पदाधिकारी का तरफ से जारी जन्म प्रमाण पत्र.
4. पासपोर्ट.
5. कवनो प्रमाणित बोर्ड/विश्वविद्यालय का तरफ से जारी मैट्रिक/शैक्षणिक प्रमाणपत्र.
6. राज्य सरकार का तरफ से जारी आवासीय प्रमाण पत्र.
7. वन अधिकार प्रमाण पत्र
8. सक्षम पदाधिकारी का तरफ से जारी पिछड़ी जाति/अनुसूचित जाति/जनजाति/ भा जाति प्रमाण पत्र.
9. राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (जहवाँ बा) में नाम.
10. सरकार/स्थानीय निकाय का तरफ से जारी परिवार पंजी में नाम.
11. सरकार का तरफ से मिलल कवनो जमीन/आवास के आवंटन प्रमाण पत्र.
एह एगारह प्रमाण का अलावे महाप्रमाण मान लीहल जाई अगर 2003 वाला मतदाता सूची में नाम बा त.
पुनरीक्षण प्रपत्र भरत घरी एगो अउर सवाल बा रिश्तेदार के नाम ले के. रिश्तेदारन के सूची में माता, पिता, दादा, दादी, पति, पत्नी के नाम का अलावे बाकी रिश्तेदारन के नाम डलला से शायद काम ना बनी.
एगो खास बात इहो बा कि अगर 2003 वाला मतदाता सूची में संबंधित नाम बा त ओकर छाया प्रति महाप्रमाण मान लीहल जाई.
इयाद राखीं कि गणना प्रपत्र का साथे नाम वाला मतदाता सूची के छाया प्रति दीहल जरुरी बा. एहसे वोटर लिस्ट के प्रति बनावल मत भुलाईं.
आ चलत चलत इहो बतावत चलीं कि अगर सेकूलर वाला सिकुलर राजनीति करे वाला गिरोहन के कमी रहीत त शायद एकर जरुरते ना पड़ीत. ई गिरोह घुसपैठियन के पूरा संरक्षण दे के ओहनी के आधार कार्ड, राशन कार्ड वगैरह बनववला का साथही ओहनी के वोटरो कार्ड बनवा दिहले रहल लोग. एही कुकर्मियन के सजा सभका भुगते पड़ रहल बा. जौ का साथे घुनो पिसा रहल बा.
अब आईं अगर 2003 वाला मतदाता सूची में राउर नाम नइखे त फार्म 6 भर के जमा करे के पड़ी आ ओहमें उपर बतावल प्रमाणन के जरुरत पड़ी.
अगर 2003 वाला मतदाता सूची में भा रउरा वोटर आईडी कार्ड मे राउर नाम गलत छपल बा, भा राउर पता बदल गइल बा त रउरा फार्म 8 भरे के पड़ी. एहमें अगर राउर नाम के स्पेलिंग आ आधार में रउरा नाम के स्पेलिंग में फरक बा त पहिले गलती सुधारे ला फार्म भरे के पड़ी आ ओकरा बाद पता बदलवावे वाला.
4 दिसम्बर 2025 ले एह गहन पुनरीक्षण के पहिला दौर चले वाला बा. ओकरा बाद नया नाम जोड़वावे, गलती सुधरवावे, आ पता बदलवावे के दौर चली. तबले हमरे तरह रउरो इंतजार करे के पड़ी.

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