Tag: अगड़म बगड़म

गरमी से निपटे के उपाय

– आलोक पुराणिक चुनावी बक-चक से बहरि आ गइल होखीं, त कुछ ठोस, असली मुद्दन के बात क लिहल जाव. अगर रउरा बड़का आदमी ना हईं, त गरमी रउरा के सताई. वइसे जे बड़का आदमी ना होला, ओकरा के गरमीए का सरदिओ सतावेले. नत्थू हवलदारो सतावेला,...

Read More

साधनाजी, उपासनाजी, उर्फ…

– आलोक पुराणिक बाबाजी लोग के हल्ला बा आजुकाल्ह. दिल्ली के बाबा भीमानन्द के कालगर्ली रैकेट देख के इहे समुझ में नइख आवत कि अब बाबाजी लोग के मुहल्ला कवन बा. सगरी मुहल्ला ओहि लोग के लउकत बा. जेकरा के बाबजी बुझऽ उहे कालगर्ल के भँड़ुआ...

Read More

बगैर उनका जइसे बे कूड़ा के नाली

– आलोक पुराणिक हाय हाय का चर्चा निकल पड़ल बा कि दिल्ली से आटो वाला हटावल जइहें. दिल्ली के अगर आटो वालन से अलगा कर के देखीं, त दिल्ली बहुतही चिरकुट टाइप के शहर ह. ई शहर कतना चंट आ बदमाश ह, एकर पता दिल्ली आवते लाग जाला, आटो...

Read More

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।