दू नाव पर पैर रखला पर जिनगी ना चली.
– अभय कृष्ण त्रिपाठी “विष्णु” एक व्यक्ति दू नाव पर सवारी, कइसे ? समस्या विकट बा आ ओहु से विकट बा ओकर समाधान. सबसे बड़ बात ई कि समाधान के चिंता केहु के नइखे काहे से कि आज हर केहु जेतना ज्यादा मिल जाये ओतना नाव पर...
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