कुछु समसामयिक दोहा
– मुफलिस देई दोहाई देश के, ले के हरि के नाम. बनि सदस्य सरकार के, लोग कमाता दाम. लूटे में सब तेज बा, कहाँ देश के ज्ञान नारा लागत बा इहे, भारत देश महान. दीन हीन दोषी बनी, समरथ के ना दोष. सजा मिली कमजोर के, बलशाली निर्दोष....
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