Tag: राजगुप्त

दू गो छोटहन कहानी

(पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से – 14वी प्रस्तुति) – राजगुप्त (एक) पान खइनी, गुटका-गुटकी ट्रेन अपना रफ्तार से दउड़त रहे. गर्मी के दिन ऊपर से बहुते भीड़ि रहे. सज्जी पसिन्जर गर्मी से बेहाल रहले. एही बीचे एगो चना...

Read More