– लोकनाथ तिवारी
#सरोकार #नदी-के-कटान #लोकनाथ तिवारी
गांव घर छोड़वलू ए गंगा मइया
wnen-river-erodes-a-home
घरवे ना जिनिगियो के एगो हिस्सा ढाहि दीहलू ए गंगा मइया. गंगा मइया के कारण सभ छूटि गईल. 92 में घर ढहला के बाद बान्ह के एह पार घर बनल बा लेकिन पुरनका के आनंद अब कहां. जिनिगिये बदल गइल. खाली हमरे ना. नेमछपरा, रूदलपुर, गायघाट, मझौवा, उपधिया टोला, मीनापुर, दूरजनपुर, शाहपुर, गंगवली, केहरपुर से लेके बलिया बैरिया रोड के दक्खिन तक के गांव ढहि गइले. हजारों बाशिंदा बेघर हो गइले. आस पड़ोस छितरा गईल, परिवार बिखर गईल. लेकिन सरकार बहादूर आजुवो बनल बाड़े. समाजवादी होखे चाहें भाजपाई, मायावती के शासन होखे चाहें अखिलेश मुलायम के, कल्याण सिंह के सरकार होखे चाहें जोगी बाबा के केहू गंगा माई के ढाही रोके के ईमानदारी से कोशिश ना कईल. करबो कईल त कागजे पर टोकर बंधात रह गईल. नाही त ढाही के बाद ठोकर बंधाइल. जइसन कि गायघाट में पूरा दक्खिन के गांव ढहला के बाद बान्ह (हमनी के रोड के बान्ह कहेनी, कांहे कि ई जमीन से 15-20 फुट ऊंच होला) बचावे खातिर ठोकर बंधाइल. माने सरकार के गांव अउर लोग से बेसी बान्ह से पिरीत बा. कवने सरकार होखे, केहू के सरकार होखे. गंगा किनारे वाला गांव के दरद ना बूझे. भोट के समय छोड़के कवने बड़का नेता एह क्षेत्र में दरशन ना देले. मुख्यमंत्री लोग त का जाने पांच साल में एकहू हाली ओह इलाका में जाले कि ना ई संदेहे बा. जेकर घर ढहत बा ओकर दरद केहू बूझे वाला नइखे. जेकर पांव ना फटे बेवाई ऊ का जाने पीर पराई, ई खाली कहावत ना ह. सच्चाई ह. ढाही देखिके हमरो आपन गांव, घर संघतिया, आस पड़ोस, बचपन सब आंखि के सामने नाचे लागल.
हम त कभी कभार सपना देखेनी त ओही घर आ गांव के देखेनी आ चिहूक के उठि जानी. अंखियन में लोर भर जाला. मोबाइल में बिहार अउरी उत्तर प्रदेश के बोर्डर के दू गो जिलवन बलिया आउर आरा के जवइनिया आ नौरंगा चकी में गंगा जी ढाही के वीडियो मोबाइल पर देखि के हमार रोआं रोआं कांपि गइल हऽ. 1992 के ऊ दिन इयाद हो गइल हऽ जब हमरो गांव घर ढाही में गंगाजी के पेट में समा गईल. हमार गांव बलिया के द्वाबा में नारायणपुर-पचरूखिया रहे. अबो बा लेकिन एह घर संगे कवनो बढ़िया नीक बाउर याद नइखे जुड़ल. ओह घरे बचपन बीतल, किशोरावस्था भईल. हम भाई बहिन के संगे, माई के संगे ओह घर में रहनी. आस पड़ोस के संघतिया साथी सभे ओहि घर से जुड़ल रहले. पड़ोस के चाची काकी, बड़की माई, बाबू, काका सभे लोग ओहि घर के संगे जुड़ल रहले. उमेशवा, जयमंगल, पदुम, फुटेहरिया, संगे गुल्ली डंडा, कबड्डी और पदउवल खेल के सांझि सबेर बीतत रहे. दूपहरिया में जब केहू के जांत पिसाई के घरर घरर आवाज सुनाव त जाके खाड़ा हो जाईं आ चाची चाहें बड़की माई बगली भर के भूंजा दे देस. दूपहरिया में मलाई बरफ वाला के साइकिल देखते पांच पइसा खातिर माई के सामने फेकरि के रोवे लागी. पइसा मिलते बरफ वाला के सामने हाजिर…. का दिन रहुवे ऊ. का घर रहुवे ऊ. का आस पड़ेस रहुवे ओह घरी. गरमी के छुट्टी में जब बहरा (बंगाल, दिल्ली, बम्बई जइसन शहर) रहे वाला घर के कमासुत भइया, चाचा, बाबा आपन परिवार के लेके गांव में आवसु लोग त लागे कि त्यौहार आ गईल. हमनी के सभ लइका लइकी एक संगे झुंड बना के गंगा जी नहाये जाईं जा. घंटा भर पानी में छपक-छपक के नहाई जा. चाचा आ भइया के कंधा पर चढ़ि के कूदी जा. गंगा जी किनारे रहेवाला अइसन कवनो लइका, लइकी आ मेहरारू ना रहे जे पंवरे ना जाने. गंगा जी में नहइला के बहाने पंवरे के मुकाबला जरूर होखे. गंगा जी में खड़ा होके सूरुज महराज के जल चढ़ावलो सभकर आदत रहे. गंगा जी में नहइला के बाद सबेर में आठे बजे अइसन भूख लागे कि घरे पहुंचते गोड़ धोके खाये बइठ जाईं जा.
आजु ई प्रसंग लिखे के मन ना रहुवे. जवइनिया गांव (बलिया आ आरा के बॉर्डर पर के गांव) के ढाही देखिके मन बड़ी खराब रहल हा. सबेरे फेसबुक पर एगो वीडियो लिंक के संगे लिखनी हा कि गंगा जी हमरो घर एही तरी लील गईली. सोशल मीडिया पर जवइनिया के वीडियो के संगे अतने लिखी के पोस्ट कईनी हा कि भगतवा सभ खाद पानी लेके हमरा पीछे पड़ि गईले स. एगो कहत बा कि गंगा मइया खातिर ‘लील गइली’ शब्द काहे लिखले बाड़ऽ. गंगा जी माई हई. सनातन धरम के पूजनीय हई. अब हम ओह आन्हर भगत के कइसे समझाई कि गंगा जी हमरो पूजनीय हई. हमनी के त कवनो बियाह, शादी, जनेव आ शुभ काज करे के पहले सबसे पहिले गंगा जी के नेवता भेजे जानी जा. बचवन के पहिला मुंडन समारोह गंगा जी के पूजा के बिना ना होखे. हर शुभ काज में गंगा जल के बिना काम शुरू ना होखे. हमनी के खाली कहे खातिर गंगा जी के माई ना कही जा. ऊ हमनी के माई हई. घर दुआर ढहलो के बाद गंगा जी खातिर हमनी के आदर के भाव ऊहे बा. ऊहे आदर रही जुग जुग तक. जबले ई दुनिया रही. जबले बलिया, आरा, बक्सर, भोजपुर जइसन गंगा किनारे बसल गांव-जवार रही. ऊहां रहे वाला कब्बो गंगा मइया के ना बिसरा सके, सपनो में ना.
0 Comments